16 साल के बच्चे ने पबजी के लिए मां के खाते से उड़ाए 10 लाख रुपए
16 साल के बच्चे ने पबजी के लिए मां के खाते से उड़ाए 10 लाख रुपए  Syed Dabeer Hussain - RE
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PUBG के लिए 16 साल के बच्चे ने मम्मी के अकाउंट के उड़ा डाले 10 लाख रुपए

Author : Kavita Singh Rathore

मुंबई, महाराष्ट्र। भारत के युवाओं में मोबाईल गेम PUBG की लोकप्रियता लगभग सबको ही पता है। भारत के युवाओं में PUBG की दीवानगी इस कदर है कि, उन्हें यह गेम खेलते हुए न समय का पता चलता है और न ही फायदे और नुकसान का। PUBG लवर्स इस गेम की दीवानगी में कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। इसी तरह की दीवानगी का एक मामला महाराष्ट्र के मुंबई से सामने आया है। जहां, एक 16 साल के बच्चे ने सिर्फ PUBG के लिए अपनी मम्मी के अकाउंट के 10 लाख रुपए उड़ा डाले।

क्या है मामला ?

दरअसल, महाराष्ट्र के मुंबई में एक 16 वर्षीय लड़के ने अपनी मम्मी के अकाउंट से मात्र PUBG गेम को और रोमांचक बनाने के चक्कर में 10 लाख रुपये खर्च कर दिए। इस बारे में बच्चे की मम्मी को कोई जानकारी नहीं थी। जब इस बारे में लड़के के घरवालों को पता चला तो उन्होंने लड़के का विरोध किया और लड़के को फटकार लगाई। इस फटकार का लड़के को इतना बुरा लग गया कि, वह घर छोड़ कर भाग गया। हालांकि, परिजनों ने जब पुलिस को जानकारी दी तो, पुलिस ने मामले की जाँच करते हुए लड़के को ढूंढ निकाला।

मुंबई क्राइम ब्रांच के DCP ने दी जानकारी :

बताते चलें, पिछले साल लागू हुए लॉकडाउन से ही बच्चे ज्यादातर समय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिता रहे हैं। चाहे वो ऑनलाइन क्लासेस हो या मनोरंजन के लिए हो। बाहर न निकल पाने के कारण बच्चे ऑनलाइन गेम्स की तरफ और ज्यादा आकर्षित हुए हैं। इन्हीं गेम्स में एक PUBG गेम भी है। इसका क्रेज आजकल हर उम्र के बच्चों में देखा जा रहा है। इस गेम की आईडी और यूसी खरीदने-बेचने के चक्कर में बच्चे है। इस तरह की घटना को अंजाम देते हैं। बताते चलें, PUBG गेम में आईडी और यूसी बेचने के लिए 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक का ऑफर दिया जा रहा है। इस मामले की जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच के DCP दत्ता नलवाडे ने दी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि,

“एक 16 साल के लड़के के लापता होने का मामला दर्ज किया गया था। जांच में पता चला कि वह PUBG गेम का आदी था। उसने खेल की आईडी और यूसी खरीदने के लिए अपनी माँ के खाते से 10 लाख रुपए निकाल लिए। डांटने के बाद वह घर से भाग गया और कहा कि वह वापस नहीं आएगा। पुलिस ने खोज-बीन करके लड़के का पता लगाया और उसकी काउंसलिंग की। बाद में उसे परिवार को सौंप दिया गया। बच्चों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की उपलब्धता आजकल बहुत आम है। माता-पिता के रूप में, सभी को सोशल मीडिया और गेम्स पर बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।"
दत्ता नलवाडे, मुंबई क्राइम ब्रांच के DCP

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