Fake GST Bill Case
Fake GST Bill Case Kavita Singh Rathore-RE
व्यापार

फर्जी GST बिल मामले में DG की बड़ी कार्रवाई, 25 की हुई गिरफ़्तारी

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। जहां इस कोरोना संकट के बीच पहली बार वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन 1.05 लाख करोड़ रहा वहीं, इसी बीच GST से जुड़े फ्रॉड की खबर भी सामने आई है। इस मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इस मामले के सामने आने के बाद फर्जी बिल और हवाला रैकेट को देखते हुए GST रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस को लेकर और सख्ती बरतना शुरू कर दी गई है।

GST फ्रॉड मामला :

दरअसल, गुड्स एड सर्विसेस टेक्स (GST) के चोरी और फर्जी बिल के मामले में देश में बीते चार दिनों में डायरेक्टरेट जनरल द्वारा बड़ा खुलासा कर कार्रवाई की गई है। इसके अलावा इस कार्रवाई के तहत कुल 1,180 कंपनियों के खिलाफ 350 से भी ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। साथ ही मामले में दोषी पाए गए 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले का खुलासा डायरेक्टरेट जनरल ने एक बयान जारी कर किया।

डायरेक्टरेट जनरल का बयान :

डायरेक्टरेट जनरल द्वारा जारी बयान के अनुसार, ये गिरफ्तारियां कचरे और अलौह धातुओं के मलबे, रेडीमेड कपड़े, कृषि उत्पाद, दूध उत्पादों, मोबाइल, मानव श्रम आपूर्ति सेवाएं, विज्ञापन, सोना, चांदी और निर्माण सेवाओं में फर्जी बिल जारी करने को लेकर की गई हैं। इस मामले से जुड़े लोग और कंपनियां GST चोरी, इनकम टेक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों के आरोपी पाए गए हैं।  DG द्वारा यह कार्यवाही नवंबर के दूसरे हफ्ते से शुरू की गई थी।

इन राज्यों की कंपनियों के नाम आए सामने :

डायरेक्टरेट जनरल द्वारा की गई कार्रवाई के तहत दिल्ली, बंगलूरू, मुंबई, लुधियाना, चेन्नई, नागपुर, कोलकाता, गुरुग्राम, अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा, भिलाई, जोधपुर, हैदराबाद, मथुरा, रायपुर, विशाखापट्टनम, जमशेदपुर, पटना, इंफाल, मेरठ, गुवाहाटी, पुणे, सिलीगुड़ी, भोपाल, भुवनेश्वर समेत अन्य कई शहरों में की गईं। इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पाने के लिए कंपनियां फर्जी बिल बनाती हैं।

देशव्यापी अभियान जारी :

खबरों की मानें तो यह मामला सामने आने के बाद अब GST चोरी करने वालों और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) में फ्रॉड करने वालों के खिलाफ देशव्यापी अभियान जारी रहेगा। हो सकता है आने वाले दिनों में और भी लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है। इस अभियान के तहत कारोबारियों को रजिस्ट्रेशन से पहले खुद से जुड़ी पूरी जानकारी देने आवश्यक होगा। साथ ही ऐसे कंपनी मालिक या प्रमोटरों जिनके पास आयकर भुगतान का रिकॉर्ड नहीं हैं, उनकी कंपनियों को GST पंजीकरण देने से पहले भौतिक और वित्तीय सत्यापन की आवश्यकता होगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि, कंपनी मालिक या प्रमोटरों के खिलाफ GST कानूनों, आयकर अधिनियम और मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत कोई कार्रवाई तो नहीं की गई।

कैसे करती हैं कम्पनियां फ्रॉड ?

बताते चलें ये फर्जी कंपनियां इस तरह का फ्रॉड करने के लिए नकली बिल तैयार करती हैं और यह बिना कोई वस्तु भेजे ही फर्जी ई-वे बिल भी बनाए जाते हैं और उसके बाद सरकार से ITC का दावा किया जाता है।

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