Canara Bank ने FD की ब्याज दरों में बदलाव कर ग्राहकों को किया खुश
Canara Bank ने FD की ब्याज दरों में बदलाव कर ग्राहकों को किया खुश  Kavita Singh Rathore -RE
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नहीं मिल रहा बैंकों में जमा 48 हजार करोड़ से ज्यादा रकम का कोई दावेदार, RBI करेगा ऐसा कुछ

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। आज हर कोई अपना पैसा बैंक में रखना पसंद करता है। क्योंकि, बैंक में पैसा रखना एक सुरक्षित तरीका है। कई बार ऐसा होता है कि, लोगों की मृत्यु हो जाती है और उसके घरवालों को पता ही नहीं होता है कि, उस व्यक्ति के पास अकाउंट में कितना पैसा था। ऐसे में वह रकम बैंक में ही जमा रह जाती है। इस तरह देश के सरकारी और प्राइवेट बैंकों में देशवासियों की कुल 48 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति ऐसी जमा है, जिसका कोई दावेदार नहीं है। इस तरह की रकम जिन बैंकों में जमा है। ऐसे 8 राज्य मुख्य है। इस रकम के लिए देश का केंद्रीय बैंक रईजराब बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) जल्द ही कुछ कदम उठाने जा रही है।

हजारों करोड़ो की रकम का कोई नहीं है दावेदार :

दरअसल, देशभर के सरकारी और प्राइवेट बैंकों में 48 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा ऐसी रकम जमा है, जिसका कोई दावेदार नहीं मिल रहा है। इस प्रकार देखा जाए तो यह रकम कुल 48,262 करोड़ रुपये बताई जा रही हैं। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही इस रकम के लिए उन लोगों की तलाश शुरू करने के लिए कुछ करेगा।जिन राज्यों के बैंकों में सबसे ज्यादा रकम जमा है। उन राज्यों में आठ राज्यों तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक, बिहार और तेलंगाना/आंध्र प्रदेश का नाम सबसे ऊपर है। RBI इन आठ राज्यों में अपना ध्यान केंद्रित करते हुए इन राज्यों में खास ध्यान देगी। RBI ने इस बारे में जानकारी भी दी है।

लगातार दर्ज हो रही बढ़त :

बताते चलें, RBI ने बैंकों में जमा इस रकम में लगातार दर्ज हो रही बढ़त के चलते दावेदारों की तलाश के लिए अभियान शुरू करने का मन बना लिया है। हालांकि, शुरुआत में RBI यह मुहिम इन आठ राज्यों में शुरू करेगी। जहां बैंक खातों में बिना दावे वाली जमा लगातार बढ़ रही है। रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकों में बिना दावे वाली राशि बढ़कर 48,262 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 39,264 करोड़ रुपये थी।

RBI के अधिकारी ने बताया :

रिजर्व बैंक (RBI) के एक अधिकारी ने बताया कि, 'इसमें से ज्यादातर राशि तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक, बिहार और तेलंगाना/आंध्र प्रदेश के बैंकों में जमा हैं। ऐसे बचत/चालू खाते जिनमें 10 साल तक लगातार किसी प्रकार का लेनदेन नहीं हुआ है या ऐसी FD जिसकी मैच्योरिटी की तारीख से 10 साल तक कोई दावा नहीं किया गया है। जमाकर्ता हालांकि इसके बाद भी बैंक से अपनी राशिमय ब्याज पाने के हकदार हैं। बैंकों द्वारा कई जागरूकता अभियान के बावजूद समय के साथ बिना दावा वाली राशि लगातार बढ़ती जा रही है।'

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