भारत में 59 चीनी ऐप्स स्थाई रूप से बैन
भारत में 59 चीनी ऐप्स स्थाई रूप से बैन Syed Dabeer Hussain - RE
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भारत में कभी वापसी नहीं कर सकेंगी 59 चीनी ऐप्स, IT मंत्रालय ने दी जानकारी

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। पिछले साल 2020 में भारत और चीन की सीमा पर हुए विवादों के बाद से ही भारत ने चीन को लेकर कमर कस ली है। चीन के प्रति सख्त रवैया अपनाना तो भारत काफी समय पहले ही शुरू कर चुका है। इसका अंदाजा भारत द्वारा की गई 4 डिजिटल स्ट्राइक से आसानी से लगाया जा सकता हैं। यानि भारत चीनी ऐप्स को बैन करके चीन को कुल 4 बार बड़े झटके दे चुका है। वहीं, अब भारत चीन को एक अन्य बड़ा झटका देने जा रहा है। हालांकि, इस झटके के तहत भारत चीन की अब कोई नई ऐप बैन नहीं करेगा। इन एप्स को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी है।

भारत कभी वापसी नहीं कर सकेंगी चीनी ऐप्स :

दरअसल, भारत और चीन के बीच हुए विवादों के चलते भारत की मोदी सरकार चीन के प्रति सख्त रवैया अपनाते हुए सैकड़ों ऐप्स पर बैन लगा दिया था। इन ऐप्स में चीन की कई दिग्गज ऐप्स जैसे TikTok, WeChat, UC Browser, Tencent आदि भी शामिल हैं। वहीं, भारत ने अब शुरुआत में की गई TikTok सहित 59 चीनी ऐप पर स्थायी बैन लगाने का फैसला किया है। इस मामले में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत में इन ऐप पर स्थायी बैन लगाने के लिए नए नोटिस भी जारी किया है। इसका मतलब यह हुआ कि, भारत ने अब चीन से वो उम्मीद भी छीन ली है जो वो भारत में अपनी ऐप्स की वापसी को लेकर लगाया बैठा था। सरल शब्दों में करे तो अब चीन की बैन की गई ऐप्स भारत कभी वापसी नहीं कर सकेंगी।

59 चाइनीज ऐप्स पर लगा स्थायी बैन :

बताते चलें, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जून 2020 में चीन की 59 ऐप पर भारत के डाटा सुरक्षा के लिहाज से बैन लगाया था। इस बैन के बाद इन कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगा गया था। अब सभी कंपनियों का स्पष्टीकरण सरकार के पास आ चुका है। और यदि खबरों की मानें तो, सरकार इन सभी कंपनियों द्वारा दिए गए रिस्पॉन्स और स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है। इसलिए ही सरकार ने इन 59 ऐप्स पर स्थाई रूप से बैन लगाने का फैसला किया है। इस बैन के लिए सरकार पिछले हफ्ते ही कंपनियों को नोटिस जारी कर चुकी है।

सरकार ने दिया था पक्ष रखने का मौका :

बताते चलें, भारत सरकार ने इन ऐप्स की कंपनियों को स्थायी रूप से बैन करने से पहले प्रायवेसी और सिक्योरिटी रिक्वायरमेंट्स के अनुपालन के बारे में अपना पक्ष रखने का मौका दिया था। कंपनियों को इस बारे में मंत्रालय से भेजे गए सवालों का जवाब देने के लिए भी कहा गया था, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत 59 ऐप पर बैन लगाया गया था।

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