अभिनव इमीग्रेशन का अगले 5 सालों का लक्ष्य
अभिनव इमीग्रेशन का अगले 5 सालों का लक्ष्य Social Media
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अभिनव इमीग्रेशन के चेयरमेन ने बताया अगले 5 सालों का लक्ष्य, कंपनी ला सकती IPO

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। जब-जब कंपनियों को कारोबार का विस्तार करने या किसी अन्य कारण के लिए पूंजी जुटाने की आवश्यकता होती है। तब-तब कंपनियां अपना IPO (Initial Public Offering) लेकर मार्केट में उतरती हैं। जिससे उन कंपनियों को पूंजी जुटाने में निवेशकों का साथ मिल जाता है। जब कंपनियां लिस्ट होती हैं तब निवेशकों के साथ ही कंपनियों को भी काफी मुनाफा होता है। इसलिए पिछले कुछ समय में कई कंपनियां अपना IPO लेकर मार्केट में उतरी है। वहीं, अब अभिनव इमीग्रेशन भी जल्द अपना IPO लाने की तैयारी में जुटी हुई है। इस बारे में जानकारी कंपनी के चेयरमैन ने दी है।

अभिनव इमीग्रेशन चेयरमैन ने दी जानकारी :

दरअसल, अभिनव इमीग्रेशन भी जल्द अपना IPO लाने की तैयारी कर रही है। क्योंकि, कंपनी का अगले पांच सालों का लक्ष्य 125 से 150 करोड़ रुपए की रेवेन्यू का है। साथ ही कुल कर्मचारियों की संख्या भी इसी दौरान बढ़ाकर 1,000 करने की है। इस मामले में कंपनी के चेयरमैन अजय शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया है कि,

'अभिनव इमीग्रेशन पिछले 27 सालों से वीजा और इमीग्रेशन के बिजनेस में है। कंपनी अब नए कॉर्पोरेट बिजनेस पर फोकस करने की योजना बना रही है। साथ ही विदेशों में पढ़ाई वाले डिवीजन पर ज्यादा फोकस करेगी। समय आने पर कंपनी आईपीओ के लिए भी योजना बना रही है। पर IPO तब आएगा, जब कंपनी अपने रेवेन्यू के लक्ष्य को हासिल कर लेगी। इमीग्रेशन इंडस्ट्री में पिछले 25-30 सालों में काफी बदलाव हुए हैं। पर जब-जब बड़े डेवपलमेंट हुए हैं, इस इंडस्ट्री में अच्छा परिवर्तन आया है। जबकि रातों-रात कुछ घटनाओं ने इस इंडस्ट्री को प्रभावित भी किया। अब भारत में वीजा इंडस्ट्री को रेगुलेट करने की जरूरत है।
अजय शर्मा, अभिनव इमीग्रेशन चेयरमैन

चेयरमैन ने किया तीन घटनाओं का जिक्र :

अभिनव इमीग्रेशन के चेयरमैन अजय शर्मा ने तीन घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया है कि, अब तक के महत्वपूर्ण बदलाव जो आगे चलकर गेमचेंजर साबित हुए, उसमें तीन घटनाएं प्रमुख हैं।

  • 1990 की शुरुआत में मेल्टडाउन

  • 11 सितंबर की आतंकी घटना

  • 2008 की मंदी जैसे कुछ बड़े डेवलपमेंट

इन घटनाओं ने आमूलचुल परिवर्तन करके रख दिया। इसके अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी सरकारों द्वारा इमीग्रेशन रेगुलेटरी पॉलिसी में रातों-रात परिवर्तन जैसी घटनाओं ने सभी को प्रभावित किया।

देश में रेगुलेट नहीं है वीजा इंडस्ट्री :

अभिनव इमीग्रेशन के चेयरमैन अजय शर्मा ने आगे बताया कि, 'इमीग्रेशन वीजा और विदेशों में कंसल्टिंग स्टडी इंडस्ट्री को अभी तक भारत में रेगुलेट नहीं किया गया है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। क्योंकि इनका वॉल्यूम काफी बड़ा है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यूनाइटेड किंग्डम, कनाडा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में जाने वाले छात्रों और अन्य प्रोफेशनल्स की संख्या बहुत बड़ी है। इन देशों ने इस इंडस्ट्री को अच्छी तरह से रेगुलेट किया है। सरकारी तंत्र उस पर मॉनिटर करता है। भारत में ऐसा कुछ भी नहीं है। जबकि, कनाडा में इमीग्रेशन नीतियां काफी सख्त हैं। यहां तक कि इमीग्रेशन कंसल्टिंग में शामिल भारतीय कंपनियों को भी ICCRC द्वारा स्थापित रेगुलेशन से होकर गुजरना पड़ता है। उनके एजेंट के रूप में काम करना पड़ता है। लेकिन इस मैकेनिज्म को भी विभिन्न तरीकों से कंपनियों द्वारा छोड़ दिया जाता है। क्लाइंट एग्रीमेंट्स पर सीधे कंपनी के साथ साइन करते हैं। इसमें कहा जाता है कि वे इमीग्रेशन कंसल्टिंग सर्विसेज नहीं दे रहे हैं।'

चेयरमेन का मानना :

चेयरमैन अजय शर्मा का मानना है कि, 'एक से दूसरे देशों में आवाजाही आने वाले दिनों में और बढ़ेगी। इसके मद्देनजर इमीग्रेशन, विदेशों में पढ़ाई और वीजा की कंसल्टिंग इंडस्ट्री को ठीक-ठाक रेगुलेशन चाहिए।'

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