Adani Green Energy Gallery launched at Science Museum, London
Adani Green Energy Gallery launched at Science Museum, London Raj Express
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पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए लंदन के साइंस म्यूजियम में की अडाणी ग्रीन एनर्जी गैलरी शुरूआत

Author : Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • यह गैलरी क्लाइमेट चेंज के खतरों को कम करने के लिहाज से लोगों को जागरूक करेगी

  • टिकाऊ स्रोतों से ऊर्जा उत्पादन और उपयोग की जरूरत को रेखांकित करती है यह गैलरी

  • सबसे बड़ी चुनौती के सार्थक समाधान की तलाश करने का प्रयास में शुरू की गई यह पहल

राज एक्सप्रेस । ब्रिटेन की राजधानी लंदन स्थित साइंस म्यूजियम में अडाणी ग्रीन एनर्जी की गैलरी रिवोल्यूशन की शुरुआत कर दी है। यह गैलरी क्लाइमेट चेंज के खतरों को कम करने के लिहाज से लोगों को जागरूक करेगी। यह गैलरी क्लाइमेट चेंज के खतरों को कम करने के लिए तत्काल अधिक टिकाऊ तरीके से ऊर्जा का उत्पादन और उपयोग की जरूरत को रेखांकित करती है। इस गैलती में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े प्रदर्शन, इंटरैक्टिव डिजिटल प्रदर्शनी और विशेष रूप से बनाए गए मॉडलों के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया है कि हम अपने ऊर्जा भविष्य को निर्धारित करने में किस तरह अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

इस गैलरी के माध्यम से अडाणी ग्रीन एनर्जी ने इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती के सार्थक समाधान की तलाश का प्रयास शुरू किया है। इसके अंतर्गत 3 सेक्शंस आते हैं। फ्यूचर प्लानेट सेक्शन में आप देखेंगे कि वैज्ञानिक किस तरह जटिल कंप्यूटर मॉडल्स की मदद से हमारी पृथ्वी को समझने की कोशिश कर रहे हैं। यह मॉडल्स, खासकर जलवायु को लेकर पृथ्वी के भविष्य के बारे में जानकारी देते हैं कि आने वाले समय में जलवायु में किस तरह के परिवर्तन हो सकते हैं। फ्यूचर एनर्जी सेक्शन में, 2 पहलू हैं, यह दिखाता है कि किस तरह नई टेक्नोलॉजी ऊर्जा को बनाने और इस्तेमाल करने के तरीके को बदल रही हैं।

इसके साथ ही, यह उन लोगों को भी सम्मानित करता है जो उपयोगी तकनीक के विकास में सहायक हैं। दूसरा पहलू इतिहास की चीज़ों को दिखाकर, जीवाश्म ईंधन से दूर जाने के लंबे सफर को दर्शाता है। हमारा भविष्य एक नई दुनिया की ओर इशारा करता है, जिसका सपना देखा जा रहा है। इसमें यह दिखाया गया है कि भविष्य में दुनिया को किस तरह से ऊर्जा की जरूरतें पूरी होंगी। गैलरी में पर्यावरण को लेकर बच्चों के विचारों के साथ-साथ विशेषज्ञों के जवाब भी प्रदर्शित किए गए हैं।

गैलरी के केंद्र में "वनली ब्रीथ" नामक एक मूविंग स्कल्पचर है, जो तकनीकी बदलाव को प्रेरित करने के लिए प्रकृति की शक्ति को दर्शाता है। केंद्र से बाहर की ओर चबूतरे बने हुए हैं, जिनपर लो-कार्बन रिन्यूएबल एनर्जी टेक्नोलॉजी को प्रदर्शित किया गया है। ये भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसमें न्यूक्लियर, हाइड्रोजन, सोलर, विंड और ज्वारीय ऊर्जा जैसी तकनीकें शामिल हैं। इसके साथ ही, उल्लेखनीय ऐतिहासिक इनोवेशंस को भी प्रदर्शित किया गया है जो हमें याद दिलाते हैं कि इस क्षेत्र में भी बड़े बदलाव संभव हैं।

लो-कार्बन एनर्जी ट्रांजीशन के लिए ज़रूरी कई तकनीकें पहले से मौजूद हैं। इस सेक्शन में प्रदर्शित वस्तुओं में स्कॉटिश रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी ऑर्बिटल मरीन पावर द्वारा बनाया गया 7 मीटर लंबा ज्वारीय टरबाइन ब्लेड और 1897 में लंदनवासियों द्वारा पसंद की जाने वाली पहली इलेक्ट्रिक टैक्सी, बर्सी कैब भी शामिल हैं। इस गैलरी में इलेक्ट्रिफिकेशन, एनर्जी स्टोरेज और सप्लाई व डिमांड की चुनौतियों को समझाया गया है। यहां आने वाले लोग इंटरैक्टिव गेम खेल सकते हैं और मॉडल के जरिए यह सीख सकते हैं कि बिजली कैसे बनाई और पहुंचाई जाती है।

यहां लो-कार्बन ट्रांसपोर्ट के तरीकों, बिल्डिंग व कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्रीज को कम कार्बन उत्सर्जन करने वाला बनाने के बारे में भी बताया गया है। साथ ही, यहां आने वाले लोग क्लाइमेट मॉडलिंग के बारे में भी सीख सकते हैं। जलवायु को मापने वाले उपकरणों को देख सकते हैं। एनर्जी रिवोल्यूशन को पुरस्कार विजेता आर्किटेक्ट्स, अननोन र्क्स द्वारा बनाया गया है। इसे बनाने में सस्टेनेबल डिजाइन का खास ख्याल रखा गया है। इसमें इस्तेमाल की गईं ज्यादातर अलमारियां साइंस म्यूजियम के पुराने स्टोर की हैं, जिन्हें दोबारा इस्तेमाल में लाया गया है।

इस गैलरी को बनाने में कार्बन उत्सर्जन पर भी नजर रखी गई है, जहां संभव था, वहां पुन:प्रयोग करने योग्य एल्यूमीनियम का इस्तेमाल किया गया है। एनर्जी रिवोल्यूशन गैलरी के शीर्ष प्रायोजक अडाणी ग्रीन एनर्जी हैं, जो भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी है। अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के कार्यकारी निदेशक, सागर अडाणी ने कहा साइंस म्यूजियम ने एनर्जी ट्रांजीशन पर दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनी को एक साथ रखा है। दुनिया की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में से एक के रूप में, हम नेट-जीरो की दिशा में प्रगति करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

सागर अडाणी ने कहा कि क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई में शिक्षा से बड़ा कोई संसाधन नहीं है। हमें यह बात ध्यान में रखनी होगी। साइंस म्यूजियम ग्रुप के निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सर इयान ब्लैचफोर्ड ने कहा एक सप्ताह में म्यूजियम में यूके के रिकॉर्ड 22 लाख विजिट्स देखने को मिले हैं। जिसमें 10 लाख बच्चे शामिल हैं। मुझे पूरी उम्मीद है, यह गैलरी अगले सालों में लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करेगी। यह पहल मौजूदा जरूरतों के लिहाज से ऊर्जा के स्वरूप को निर्धारित करने के लिहाज से लोगों को जागरूक करेगी। उन्होंने कहा हमें पूरी उम्मीद है कि अडाणी समूहु की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी के आर्थिक सहयोग से की जाने वाली यह पहल लोगों को जागरूक करेगी।

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