ByteDance & Resso Startup
ByteDance & Resso Startup Kavita Singh Rathore -RE
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इंडिया में TikTok के बाद Resso से ByteDance को है बड़ी आस

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स :

  • लिरिक्स ऑन योर स्क्रीन

  • बाइटडांस इनकॉर्पोरेटेड की गुपचुप तैयारी

  • टिकटॉक के बाद नए ऐप से बाइटडांस की लंबी प्लानिंग

  • म्यूज़िक लवर्स के बीच रेसो (Resso) हुआ मशहूर, टेस्टिंग जारी

  • दिग्गज टी-सीरीज़ और टाइम्स म्यूज़िक से बाइटडांस ने किया बड़ा करार

राज एक्सप्रेस। बाइटडांस इनकॉर्पोरेटेड (ByteDance Inc) अपने चुनिंदा बाजार भारत और इंडोनेशिया में एक नए संगीत ऐप रेसो (Resso) की टेस्टिंग कर रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि, टिकटॉक की ही तरह उसका यह नया ऐप ग्लोबल सेंसेशन होगा। एशियाई मार्केट के इन खास दो देशों में रेसो की टेस्टिंग के जरिए चाईना मेड बाइटडांस अपने दूसरे प्रोजेक्ट्स को विस्तार देने के लिए असरकारक रास्ता और माहौल पैदा करने की मंशा रखता है।

उभरते बाजार :

दरअसल टिकटॉक ऑनर बाइटडांस अपने नए म्यूज़िक ऐप की उभरते बाजारों में टेस्टिंग कर रहा है। गुपचुप चल रही टेस्टिंग के पीछे उसकी मंशा वायरल वीडियो-शेयरिंग सर्विसेस में नया प्रयोग कर ग्लोबल धमाका करने की नज़र आ रही है।

रास आ रहा रेसो :

नया ऐप रेसो (Resso) अब भारत और इंडोनेशिया में उपलब्ध है। एशिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों के मोबाइल यूज़र्स का एक बड़ा तबका टिकटॉक से परिचित है। सेंसर टॉवर ने जो आंकड़े संकलित किए हैं उसके मुताबिक छह महीने पहले, रेसो (Resso) को इन्स्टॉल करने iOS ऐप स्टोर और Google Play पर लगभग 27,000 यूज़र्स पहुंचे। संकलित आंकड़ों में उल्लेख है कि, ऐप का प्रचार नवंबर के अंत में शुरू हुआ था।

इनसे टक्कर :

दुनिया का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप, बाइटडांस चुपचाप उन देशों में Apple Music और् स्पॉटीफाई (Spotify) की पसंद को चुनौती देने के लिए स्पेशल ऐप विकसित कर रहा है, जहां भुगतान की गई संगीत सेवाओं को अभी तक बड़े यूज़र वर्ग की तलाश है।

"तीनों कंपनियों के लिए दुविधा यह है कि, कैसे कम सापेक्ष आय के साथ एक मूल्य-संवेदनशील उपयोगकर्ता आधार का मुद्रीकरण किया जाए। फिलहाल, यह विकासशील दुनिया में सक्रिय यूज़र्स के लिए एक दौड़ है। वाणिज्यिक वास्तविकताओं को अलग रखा जाएगा, कम से कम अभी के लिए।”
माइकल नॉरिस, अनुसंधान और रणनीति प्रबंधक, शंघाई-आधारित कंसल्टेंसी एजेंसी

लिरिक्स ऑन स्क्रीन :

स्पॉटीफाई (Spotify) के विपरीत रेसो (Resso) वास्तविक समय के बोल प्रदर्शित करता है और यूज़र्स को चुने गए गीतों के तहत अपनी टिप्पणी पोस्ट करने का विकल्प भी प्रदान करता है। यूजर्स यहां टिकटॉक की तरह संगीत संग जीआईएफ और वीडियो के मिक्स्चर से टेंपलीट भी बना सकते हैं।

शुल्क मात्र इतना :

इस ऐप से मंथली सब्सक्रिप्शन के जरिए जुड़ा जा सकता है। भारत में 119 रुपया महीना इसका शुल्क है जो स्पॉटीफाई की ही रेंज में है। रेसो की प्रीमियम यूज़र कैटेगरी में संगीत डाउनलोड करने और विज्ञापन-मुक्त संगीत का आनंद इस प्लेटफॉर्म पर यूज़र्स उठा सकेंगे।

ब्लूमबर्ग न्यूज़ के मुताबिक बीजिंग स्थित कंपनी ने भारतीय लेबल टी-सीरीज़ और टाइम्स म्यूज़िक के अधिकारों के बारे में पहले से बड़ा एग्रीमेंट सुरक्षित कर लिया है।

लोकप्रिय संगीत :

दुनिया की तीन बड़ी संगीत कंपनियों वार्नर म्यूज़िक ग्रुप कॉर्प, यूनिवर्सल म्यूज़िक ग्रुप और सोनी म्यूज़िक एंटरटेनमेंट कंपनियों से फिलहाल म्यूज़िक राइट्स के बारे में रेसो की कोई डील नहीं हुई है। इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक ये कंपनियां लोकप्रिय संगीत की मालिक हैं और इनके कैटलॉग्स तक पहुंचने के लिए रेसो को काफी कवायद करना होगी।

रिकॉर्ड कंपनियों ने संगीत सितारों की एक नई पीढ़ी को मंच मुहैया कराने के लिए टिकटॉक को श्रेय दिया है क्योंकि, इससे कंपनियों के संगीत की ओर करोड़ों यूज़र्स आकर्षित हुए। हालांकि, अब वे कंपनियां बाइटडांस से लाइसेंस फीस भी बढ़ाने की मांग कर रही हैं।

“वर्तमान में रेसो बीटा परीक्षण चरण से गुजर रहा है। हम इसकी दीर्घकालिक संभावनाओं के बारे में आशावादी हैं। हम अभी भी इस प्रक्रिया में बहुत जल्दी में हैं और केवल विकासशील बाजारों की एक सीमित संख्या पर हमारा फोकस है।"
प्रतिनिधि, Resso

लंबा अंतराल :

बाइटडांस का पिछले साल मूल्य 75 बिलियन डॉलर था, क्योंकि निवेशक मोबाइल ऐप कारखाने के रूप में इसकी प्रतिष्ठा के बारे में आश्वस्त हैं। लेकिन सात साल का स्टार्टअप टिकटॉक और अपने पहले सिग्नेचर ऐप न्यूज एग्रीगेटर टुटियाओ Toutiao के बाद से अगले बड़े ब्रेकआउट की तलाश में है।

साल 2017 में लॉन्चिंग के बाद से, चीनी इंटरनेट कंपनी टिकटॉक के लिए 1.5 अरब डॉलर पर स्थापना एक दुर्लभ वैश्विक उपलब्धि है। प्लेटफॉर्म पर यूएस के नए यूज़र्स की संख्या तीसरी तिमाही के दौरान 38% फीसदी की बढ़त के साथ 11.6 मिलियन हो गई है। एक साल पहले यह 8.4 मिलियन थी।

लेकिन व्यापार और प्रौद्योगिकी को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ने के कारण इसका चीनी स्वामित्व आलोचना का केंद्र बन गया है। अमेरिकी राजनेताओं और किशोरों के इस ऐप को उपयोग करने से डेटा सुरक्षा के साथ ही राजनीतिक चिंताओं पर सवाल भी किए जा रहे हैं।

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