विमानन कंपनियां 31 मई तक ऐसा नहीं बढ़ा सकेंगी किराया
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विमानन कंपनियां 31 मई तक ऐसा नहीं बढ़ा सकेंगी किराया

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। यदि आप आने वाले महीनों में देश में हवाई यात्रा करने का विचार बना रहे हैं या आप रेगुलर हवाई यात्रा करते है और आपको हवाई किराए के बढ़ने का डर सता रहा है, तो अब हो बेफ़िक्र हो जाए। क्योंकि, विमानन कंपनियां 31 मई तक ऐसा नहीं कर सकेंगी। इस मामले में नागर विमानन मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बयान जारी किया है।

कंपनियां नहीं बढ़ाएगी किराया :

दरअसल, देश में कोरोना के चलते हालत ऐसी हो गए हैं, लगभग सभी चीजों की कीमतें बढ़ गई है। यहाँ तक की रेलवे का किराया तक बढ़ गया है। ऐसे में लोगों के दिमाग में हवाई यात्राओं के किराए को लेकर सवाल उठने लगे थे कि, कहीं हवाई यात्राओं के किराए में बढ़ोतरी न कर दी जाएं। ऐसे में हम आपको बता दें कि, यात्रियों के पास अभी भी 1 महीने का समय है क्योंकि, नागर विमानन मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी देते हुए सोमवार को एक बयान जारी किया है। मंत्रालय ने बताया कि, 'विमानन कंपनियां 31 मई तक किराया में बढ़ोत्तरी नहीं कर पाएंगी। और इन कंपनियों पर पहले की ही तरह ही किराए को लेकर प्रतिबंध लागू रहेगा।'

संचालन की क्षमता को घटाने की अपील :

बताते चलें, इस मामले में इससे पहले नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पिछले साल ही कोरोना के चलते फ्लाइट के किराए की सीमा पर प्रतिबंध लगाने की जानकारी दी थी। साथ ही उन्होंने बताया था कि, किराए के अलावा फ्लाइट का संचालन 80% क्षमता के साथ ही किया जाएगा। विमानन कंपनियों ने इस मामले को लेकर रविवार को मंत्रालय से अपील की थी कि, संचालन की क्षमता को घटाकर 60% कर दिया जाए क्योंकि अप्रैल में काफी कम बुकिंग हुई है।

जनवरी से हुई रिकवरी :

जानकारी के अनुसार, यात्रियों की संख्या के चलते जनवरी से थोड़ी रिकवरी हो रही थी, लेकिन इस महीने तो विमानन कंपनियों को काफी नुकसान हो सकता है। इससे पहले फरवरी में जारी किए गए आदेशों के अनुसार, फरवरी के पहले जो कम से कम किराया तय किया गया था, उसमें फरवरी में 10% से 30% की बढ़ोतरी की गई थी। नए प्राइस बैंड के अनुसार किराया, 'दिल्ली-मुंबई रूट पर इकोनॉमी क्लास में एक ओर का किराया 3,500-10,000 रुपए के रेंज से बढ़ा कर 3,900-13,000 रुपए के रेंज में तय कर दिया गया था।'

विमानन मंत्री ने फरवरी में कहा था :

विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने फरवरी में कहा था कि, 'न्यूनतम और अधिकतम किराया एक असाधारण कदम था, जो असाधारण परिस्थिति में उठाया गया था। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि सीमित उपलब्धता के कारण हवाई किराए में बेतहाशा बढ़ोतरी न हो जाए। प्राइस बैंड को परमानेंट रखने का हमारा कोई इरादा नहीं है।'

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