Airtel Paid Remaining AGR Amount
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Airtel ने किया बची AGR की रकम का भुगतान

Author : Kavita Singh Rathore

हाइलाइट्स :

  • एयरटेल ने किया बची AGR की रकम का भुगतान

  • AGR सबसे ज्यादा रकम वोडाफोन आइडिया की

  • एयरटेल सरकार को चुका चुकी है 10,000 करोड़ रुपये

  • 17 मार्च से पहले करना है सभी कंपनियों को भुगतान

राज एक्सप्रेस। मंदी की मार झेलती टेलीकॉम कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर्स के बाद से कड़ी मुश्किलों के बीच भी जैसे-तैसे अपना बकाया एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की रकम का भुगतान करना शुरू कर दिया था। वहीं, आज 'भारती एयरटेल' (Airtel) कंपनी ने अपनी बची AGR की रकम का भुगतान किया है। आपको बता दें, एयरटेल कंपनी ने इससे पहले 17 फरवरी को सरकार को 10,000 करोड़ रुपये चुका देने का ऐलान किया था।

बची AGR की रकम का भुगतान :

दरअसल, एयरटेल कंपनी सरकार को 10,000 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान कर चुकी थी। वहीं, अब कंपनी ने शनिवार को कुल समायोजित सकल आय (AGR) की रकम से बची 8,004 करोड़ रुपए की रकम का भुगतान किया। बताते चलें कि, एयरटेल की AGR की कुल रकम लगभग 35,586 करोड़ रुपए है जिसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क शामिल है। एयरटेल कंपनी द्वारा इस भुगतान करने के बाद 17,000 करोड़ रुपए और सरकार को AGR की रकम के रूप में चुकाने होंगे।

कंपनी का कहना :

भारती एयरटेल ने एक बयान जारी कर कहा कि, 'हम सेल्फ असेसमेंट एक्सरसाइज को तेजी से पूरा करने की प्रक्रिया में हैं और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की अगली तारीख से पहले ही इसे पूरा करने पर बैलेंस पेमेंट कर देंगे।'

AGR सबसे ज्यादा रकम :

बताते चलें कि, सभी टेलिकॉम कंपनियों में से सबसे अधिक AGR की रकम वोडाफोन कंपनी का है जिसमें से वोडा-आइडिया कंपनी ने अभी तक AGR की रकम का भुगतान 2 भागों में किया है। जिसमें पहली बार 17 फरवरी को 2,500 करोड़ रुपये और दूसरी बार 20 फरवरी को AGR की रकम में से 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। फिलहाल कंपनी पर अभी भी 49,538 करोड़ रुपये बकाया है। बता दें कि, यह रकम पहले 53,038 करोड़ रुपये थी।

सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी : सुप्रीम कोर्ट द्वारा AGR जमा करने को लेकर टेलिकॉम कम्पनियों को आखिरी मोहलत दी गई थी। जिसमें भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया समेत अन्य डिफॉल्टर टेलीकॉम कंपनियां शामिल हैं। कोर्ट ने कंपनियों को 17 मार्च तक का समय दिया है। इन आदेशों के बाद टेलिकॉम कंपनियां तुरंत हरकत में आईं थीं।

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