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सोनीपत के गोदाम-कर्मियों को बकाया भुगतान पर राजी हुआ Amazon, हॉफमैन ने कहा यह कर्मचारियों की बड़ी जीत

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन हरियाणा के सोनीपत स्थित एक गोदाम के सैकड़ों मजदूरों को बकाया भुगतान करने पर सहमत हो गई है। ई कॉमर्स दिग्गज ने गोदाम में ये कर्मचारी एक स्टाफिंग एजेंसी के माध्यम से नियुक्त किए थे। गोदाम बंद होने के बाद इनको नौकरी से निकाल दिया गया था। इसके विरोध में लोगों ने धरना देना शुरू कर दिया था। धरना शुरू करने के बाद यह मुद्दा राजनीतक बन गया। जिसके बाद मुख्य नियोक्ता को धरना दे रहे डीईएल-3 के मजदूरों की मांगों को स्वीकार करने पर मजबूर होना पड़ा। भारत में, अमेजन इंडिया वर्कर्स एसोसिएशन (एआईडब्ल्यूए) के केके नियोगी ने कहा यह मजदूरों की बड़ी जीत है।

अमेजन ने बड़े पैमाने पर की छंटनी

अमेजन ने धीमी डिमांड के कारण पुणे और बेंगलुरु जैसे कई स्थानों पर ऑन-रोल और ऑफ-रोल कर्मचारियों की छंटनी की है। इसके बारे में यूनियनों ने पिछले कुछ महीनों में विभिन्न राज्यों में लेबर डिपार्टमेंट के पास शिकायतें दर्ज कराई हैं। अमेज़ॅन के प्रवक्ता ने कहा हम यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा अपने नेटवर्क का मूल्यांकन कर रहे हैं कि यह हमारी व्यावसायिक आवश्यकताओं के लिहाज से कितना अनुकूल है। इसके साथ ही हमारे कर्मचारियों, ग्राहकों, भागीदारों और ड्राइवरों के अनुभव को बेहतर बनाता है। उस प्रयास के रूप में हम पुरानी साइटों को बंद कर सकते हैं। मौजूदा सुविधाओं को बढ़ा सकते हैं या नई साइटें खोल सकते हैं। उन्होंने कहा हम भविष्य की साइटों को विकसित करने या अपनी उपस्थिति बनाए रखने का निर्णय लेते समय कई प्रकार के फैक्टर्स को तौलते हैं।

कई को की थी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश

उन्होंने कहा इस मामले में, हमने हरियाणा के सोनीपत में फुलफिलमेंट सेंटर से ट्रांजिशन ऑपरेशन किया है। इस साइट पर सहयोगियों को इस ट्रांजिशन के दौरान सभी आवश्यक सहायता प्रदान की गई है। पुणे के श्रम आयुक्त कार्यालय ने ई-कॉमर्स दिग्गज को एक नोटिस भेजा था। जिसमें बर्खास्तगी के साथ-साथ तथाकथित स्वैच्छिक नौकरी छोड़ने के कार्यक्रम को लेकर जनवरी में एक बैठक बुलाई गई थी। वंबर 2022 में अमेजन ने अमेजोनियन एक्सपीरियंस एंड टेक्नोलॉजी टीम में कुछ भारतीय कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की पेशकश की थी।

एकता से जीती जा सकती है ल़ड़ाई

यूएनआई ग्लोबल यूनियन के महासचिव क्रिस्टी हॉफमैन ने कहा, ये कर्मचारी दुनिया की सबसे शक्तिशाली कंपनियों में से एक के खिलाफ खड़े हुए और जीते। यह जीत दिखाती है कि जब मजदूर एक साथ आते हैं, तो वे अपने नियोक्ता को अपनी बात मनवा सकते हैं। तब वे अपने नियोक्ताओं से बेहतर मुआवजे की मांग कर सकते हैं। डीईएल-3 में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाली एक कार्यकर्ता निधि ने कहा डीईएल-3 को अचानक बंद कर दिया गया। वैकल्पिक रोजगार के बिना और अनिवार्य कानूनी और वैध देय राशि के बिना बंद करने से हमारे पास मुख्य नियोक्ता के खिलाफ सामूहिक विरोध करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। हमने विरोध किया और हमें खुशी है कि हमारा विरोध परिणाम लेकर आया।

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