यूएनएससी में भारत की स्थाई सदस्यता एलन मस्क की राय से अमेरिका ने जताई सहमति
यूएनएससी में भारत की स्थाई सदस्यता एलन मस्क की राय से अमेरिका ने जताई सहमति Raj Express
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यूएनएससी में भारत की स्थाई सदस्यता पर एलन मस्क की राय से अमेरिका ने जताई सहमति

Author : Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • एलन मस्क ने कहा भारत का यूएनएससी के स्थाई सदस्यों न होना अजीब बात

  • एलन मस्क के विचारों पर अमेरिकी सरकार ने अब सकारात्मक प्रतिक्रिया की

  • कहा वह यूएनएससी समेत संयुक्त राष्ट्र की सभी संस्थाओं में सुधार का समर्थक

राज एक्सप्रेस । टेस्ला के सीईओ और दुनिया के चौथे सबसे बड़े कारोबारी एलन मस्क ने जनवरी में अमेरिका में जन्मे इजरायली कारोबारी माइकल ईसेनबर्ग की पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि यूएनएससी में भारत की स्थाई सदस्यता न होना अजीब बात है। इसे किसी भी स्थिति में ठीक नहीं कहा जा सकता। अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सभी निकायों में समय के लिहाज से बदलाव किए जाने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूएनएससी में भारत की स्थाई सदस्यता के मुद्दे पर एलन मस्क की इस राय से अब अमेरिकी सरकार ने भी सहमति जताई है।

अमेरिकी सरकार ने की सकारात्मक प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता के मुद्दे पर मशहूर कारोबारी एलन मस्क के विचारों पर अमेरिकी सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया की है। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं को 21वीं सदी की दुनिया की तस्वीर पेश करने वाला बनाने के लिहाज से इनमें कई सुधार किए जाने की जरूरत बताई है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी भाषणों में पहले भी इस बारे में विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने कहा अमेरिका सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र की सभी संस्था में सुधारों का समर्थन करता है।

भारत का यूएनएससी में न होना दुर्भाग्यपूर्ण

दुनिया चौथे सबसे बड़े कारोबारी एलन मस्क ने जनवरी माह में कहा था कि दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बाद भी यूएनएससी में भारत की स्थाई सदस्यता नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण बात है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सभी निकायों में आमूल बदलाव का आह्वान किया। टेस्ला के सीईओ की यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा यूएनएससी के स्थायी सदस्यों की सूची से किसी भी अफ्रीकी देश की अनुपस्थिति पर चिंता जताने के बाद आई थी।

कारोबारी माइकल ईसेनबर्ग की पोस्ट से शुरु हुई बहस

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा था, हम यह कैसे स्वीकार कर सकते हैं कि अफ़्रीका से सुरक्षा परिषद में एक भी स्थायी सदस्य नहीं है ? संस्थानों को आज की दुनिया को प्रतिबिंबित करना चाहिए, न कि 80 साल पहले की दुनिया को। गुटेरेस की पोस्ट पर प्रतिक्रिया करते हुए अमेरिका में जन्मे इजरायली कारोबारी माइकल ईसेनबर्ग ने भारत के प्रतिनिधित्व का मुद्दा उठाया था। इस पर प्रतिक्रिया करते हुए एलन मस्क ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र की मौजूदा संरचना दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं करती। यह ठीक नहीं है। एलन मस्क ने कहा अब समय आ गया है संयुक्त राष्ट्र निकायों में जरूरी बदलाव किए जाने चाहिेए।

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