Air India सहित कई अंतरराष्ट्रीय वायुसेवा प्रदाता कंपनियों ने अमेरिका से जुड़ी उड़ानों को रद्द कर दिया।- सांकेतिक चित्र
Air India सहित कई अंतरराष्ट्रीय वायुसेवा प्रदाता कंपनियों ने अमेरिका से जुड़ी उड़ानों को रद्द कर दिया।- सांकेतिक चित्र Syed Dabeer Hussain - RE
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5 जी के जाल में उलझा अमेरिका, Air India समेत अन्य Airlines चिंतित, कई उड़ानें रद्द

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स

  • 5G के कारण उड़ानें रद्द

  • वायुसेवा प्रदाता कंपनियों ने जताई चिंता

  • 5G सिग्नल से परिचालन में खतरे की आशंका

राज एक्सप्रेस। अमेरिका में अपनाई जा रही नई 5 जी सर्विस (5G service) यात्रियों और विमान सेवा प्रदाता कंपनियों पर भारी पड़ रही है। भारत के अलावा दुनिया के और भी कई देशों की अमेरिका को जोड़ने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर इंटरनेट/मोबाइल संबंधी 5 जी सेवा (5G service) का असर पड़ने का खामियाजा इनसे जुड़े बहुसंख्यक पैसेंजर्स को उठाना पड़ा।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि; एअर इंडिया (Air India) सहित कई अंतरराष्ट्रीय वायुसेवा प्रदाता कंपनियों ने बुधवार को अमेरिका से जुड़ी उड़ानों को रद्द कर दिया।

कुल मिलाकर अमेरिका में एयरलाइंस सर्विस के हाल फाइव जी के लिए बुने जा रहे टावरों के जाल के कारण बुरे हो गए हैं।

वजह सिग्नल्स -

उड़ानों को रद्द करने का फैसला लेने वाली विमान कंपनियों ने 5 जी फोन सेवा (5G Phone Service) के सिग्नल्स से विमान के नैविगेशन सिस्टम पर असर पड़ने से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया है। रिपोर्ट्स में अमेरिका के कई एयरपोर्ट पर 5 जी फोन सेवा बुधवार से शुरू होने की जानकारी दी गई।

एअर इंडिया का ट्वीट -

एअर इंडिया (Air India) ने ट्विटर पर ट्वीट के जरिये इस बारे में जानकारी साझा की।

एअर इंडिया (Air India) ने संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में 5जी संचार का कारण बताकर उड़ानों में बदलाव की जानकारी देते हुए हैश टैग फ्लाईएआई (#FlyAI) के साथ 18 जनवरी को ट्वीट किया कि;

"#FlyAI: संयुक्त राज्य अमेरिका में 5G संचार की तैनाती के कारण, भारत से यूएसए के लिए हमारे संचालन में 19 जनवरी 2022 से विमान के प्रकार में बदलाव के साथ कटौती / संशोधन किया गया है। इस संबंध में अपडेट शीघ्र ही सूचित किया जाएगा।"

अगले दिन 19 जनवरी को किये ट्वीट में एअर इंडिया का अपडेट भी आ गया। इस बार एअर इंडिया ने ट्वीट में उन उड़ानों की जानकारी दी जिनमें बदलाव किया गया था।

इस ट्वीट में बताया गया कि; "#FlyAI: संयुक्त राज्य अमेरिका में 5G संचार की तैनाती के कारण, हम 19 जनवरी, 22 की निम्नलिखित उड़ानें संचालित नहीं कर पाएंगे।

AI101/102 DEL/JFK/DEL

AI173/174 DEL/SFO/DEL

AI127/126 DEL/ORD/DEL

AI191/144 BOM/EWR/BOM

कृपया आगे के अपडेट के लिए साथ बने रहें।"

फ्लाइट पैसेंजर्स ने जताई निराशा -

यह महत्वपूर्ण जानकारी यात्रियों को ट्वीट के जरिये मिलने से उन्होंने निराशा जताई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बताया कि इतनी अहम जानकारी उनको मंगलवार को किये गए एअर इंडिया के ट्वीूट से हुई। कई यात्रियों ने ट्विटर पर एअर इंडिया को दिये रिप्लाई में उनके साथ हुई दिक्कतों को बयां किया।

दूसरों का भी यही हाल -

सिर्फ एअर इंडिया ही नहीं बल्कि कई अन्य एयरलाइन्स ने भी अमेरिका में 5 जी सेवा लागू होने के कारण अपने पैसेंजर्स को फ्लाइट रद्द होने की जानकारी देकर चौंका दिया।

एमिरेट्स (Emirates) ने अमेरिका के कुछ एयरपोर्ट पर 5 जी मोबाइल नेटवर्क सर्विस लागू होने से जुड़ी चिंता को आधार बनाकर 19 जनवरी से अगले आदेश तक बोस्टन, शिकागो, डलास, मियामी ओरलैंडो, सैन फ्रांसिस्को और सिएटल की अपनी उड़ानों को स्थगित करने की जानकारी दी।

5G से खतरे की चेतावनी -

दुनिया भर के हवाई यात्रियों को अमेरिका से जोड़ने वाली अमेरिका की 10 सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनियों ने 5जी मोबाइल फोन सर्विस के खतरों के बारे में आगाह किया है। कंपनी के उड़ान संबंधी एक्सपर्ट्स ने फाईव जी के सिग्नल्ससे विमान की उड़ान में बाधा पैदा होने की प्रबल आशंका जताई है।

इनकी सेवा होगी शुरू -

अमेरिका में वेरिज़ोन और एटीएंडटी (Verizon and AT&T) 5जी मोबाइल फोन सेवा बुधवार को शुरू होने की जानकारी थी। इस बीच बढ़ते गतिरोध के बाद कंपनियों ने कुछ हवाई अड्डों के कुछ टावरों पर देर से सर्विस शुरू करने के विचार पर सहमति दर्शाई।

इस तकनीकी समस्या का डर -

एयरलाइंस कंपनियों का मानना है कि; 5जी सिग्नल्स के सी-बैंड से विमान के नेविगेशन सिस्टम में बाधा उत्पन्न हो सकती है। विपरीत मौसम के दौरान इसका खतरा और अधिक गहरा सकता है। विमान सेवा प्रदाता कंपनियों ने इस खतरे की ओर अमेरिकी विमानन प्राधिकरण का ध्यान पहले भी आकृष्ट कराया है।

अमेरिकन एयरलाइंस, डेल्टा एयर लाइंस और यूनाइटेड एयरलाइंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने इस स्थिति को चिंताजनक बताया है। उनका कहना है कि, पैसेंजर्स, गुड्स और मेडिकल सप्लाई चेन/डिलिवरी में इस वजह से बाधा पहुंच सकती है।

इस मामले में तुरंत दखल देने की जरूरत उन्होंने इसलिए भी जताई है क्योंकि ओमिक्रॉन के खतरे के इस दौर में मेडिकल सप्लाई में कोरोना प्रतिरोधी वैक्सीन की आपात सप्लाई भी प्रभावित हो सकती है।

अमेरिका में गहन मंथन -

दुनिया भर की विमान उड़ानों के थमने के खतरे के कारण अमेरिकी सरकार में इस विषय पर गहन मंथन जारी है। सरकारी स्तर पर इसको बेहद 'गंभीर स्थिति' बताया जा रहा है।

एयरलाइंस कंपनियों की मांग -

एयरलाइंस कंपनियों ने अमेरिका में हवाई पट्टी से करीब दो मील की दूरी तक 5जी सिग्नल को बाहर रखने की मांग की है। विमान निर्माता एयरबस और बोइंग कंपनी ने भी इस तकनीकी समस्या पर चिंता जताई है।

विमान निर्माता कंपनियों ने विमान सेवा प्रदाता कंपनियों को सुरक्षा तय होने तक विमानों के बेड़े में शामिल कई विमानों को लंबे वक्त ज़मीन पर ही रखने की सलाह दी है।

डेल्टा एयरलाइन सहित दूसरी एयरलाइन्स अमेरिकी सरकार से सुरक्षा तय होने तक नई फाईव जी (5G/5जी) सेवा को लागू नहीं करने की मांग कर रही हैं।

मोबाइल बनाम एयरलाइंस कंपनियां -

अमेरिका में 5जी तकनीक लागू करने के लिए मोबाइल कंपनियों ने दांव पर बड़ी रकम लगाई है। नेटवर्क को अपग्रेड करने मोबाइल कंपनियों ने अरबों डॉलर की रकम खर्च की है।

भले ही मोबाइल कंपनियों का फाईव जी (5G/5जी) तकनीक से इंटरनेट की रफ्तार बढ़ने और कनेक्टिविटी बेहतर होने का दावा हो लेकिन इस सेवा के शुरू होते ही विमान सेवा प्रदाता कंपनियों की उड़ानें थमकर रह गई हैं।

डर फैलाने का आरोप -

विमानन कंपनियों की चिंताओं को अमेरिका में वायरलेस इंडस्ट्री के समूह ने निराधार बताया है। सीटीआईए ने 5जी तकनीक को सुरक्षित माना है। वायरलेस इंडस्ट्री समूह ने विमान उद्योग पर तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर लोगों के बीच भय पैदा करने का आरोप भी जड़ा है।

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डिस्क्लेमर आर्टिकल मीडिया एवं एजेंसी रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त जानकारी जोड़ी गई हैं। इसमें प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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