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फिलहाल खत्म होती नहीं दिखती गौतम अडाणी की साढ़ेसाती, अब MSCI ESG Research ने घटाई रेटिंग

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को अडानी समूह की कंपनियों पर अकाउटिंग से जुड़े हेरफेर और शेयरों की ओवरप्राइसिंग जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे। इन आरोपों के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयर बुरी तरह से धराशायी हो गए थे। हिंडनबर्ग के अटैक से अडाणी समूह अब तक उबर नहीं पाया है। हिंडनबर्ग के बाद अब MSCI ESG Research ने भी अडानी समूह की रेटिंग घटा दी है। रिस्क एनालिसिस फर्म एमएससीआई ने कहा है कि उसने अडाणी समूह की कंपनियों के इनवायरमेंटल, सोशल और गवनर्नेस के विशेषण में बदलाव किया है। MSCI ने अपनी रिपोर्ट में अडाणी समूह की रेटिंग को माइनर से घटाकर मॉडरेट कर दिया है।

रेटिंग घटाकर MSCI ESG ने बढ़ाया तनाव

रिस्क एनालिसिस फर्म MSCI ESG रिसर्च ने अपने एक बयान में कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद हमने यह निर्णय लिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 3 मार्च को हमने हिंडनबर्ग से संबंधित विवाद मामलों के एसेसमेंट के बाद अडाणी समूह की रेटिंग को माइनर से घटाकर मॉडरेट कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा हमने अडाणी ग्रुप की रेटिंग को डाउनग्रेड किया है। आपको बता दें कि MSCI ESG अडाणी समूह की कंपनियां अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी पावर, अडाणी टोटल गैस, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज की रेटिंग करती है। रेटिंग एजडेंसी ने अडाणी के अकाउंटिंग इनवेस्टिगेशन, सिक्योरिटीज वैल्यूएशन को लेकर सवाल उठाए हैं। अपनी कवरेज में एजेंसी ने कहा है कि गवर्नेंस, बोर्ड इंडिपेंडेंस, ट्रांजैक्शन और कंट्रोलिंग शेयरहोल्डर्स से संबंधिक कुछ मामलों की पहचान की है।

रिस्क एनालिसिस फर्म ने बदली रेटिंग

MSCI ESG रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में जिसे फैक्टशीट नाम दिया गया है, कंट्रोवर्सी स्कोरिंग और फ्लैगिंग सिस्टम निवेशकों को संभावित जोखिमों को लेकर सावधान किया है। रिपोर्ट में रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि अडाणी समूह की कंपनियों को 'रिश्वत और धोखाधड़ी' तथा 'गवर्नेंस स्ट्रक्चर' विवाद से जोड़ा गया है। एजेंसी ने कहा अडाणी समूह की कंपनियों के अकाउंट जांच में गई स्तरों पर गड़बड़ियों को चिह्नित किया गया है। आपको बता दें कि MSGI ESG Reserch पहली एजेंसी नहीं है, जिसने अडानी समूह की रेटिंग में बदलाव किया है। इससे पहले सस्टेनेबिलिटी रेटिंग कंपनी Sustainalytics ने भी समूह के गवर्नेस संबंधित स्कोर घटा दिया है। इसके अलावा फिच, मूडीज जैसी रेटिंग एजेसियों ने भी अडानी समूह के रेटिंग में फेरबदल किया है। रेटिंग में इस बदलाव का असर शेयरों पर पड़ सकता है। इसके परिणाम स्वरूप अडाणी के शेयर एक बार गिर सकते हैं।

2 कंपनियों की कल से शुरू होगी निगरानी

शार्ट सेलर हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडाणी की मुश्किलों का सिलसिला थम नहीं रहा है। एनएसई और बीएसई ने अडाणी समूह की दो कंपनियों अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी टोटल गैस को लॉन्ग टर्म एडिशनल सर्विलांस के स्टेज 2 कैटेगरी में रखा गया है। यह निगरानी 13 मार्च से शुरू होगी। इससे पहले 9 मार्च को अडाणी की तीन कंपनियों को शॉर्ट टर्म सर्विलांस फ्रेमवर्क स्टेज 1 में रखा गया। हालांकि इसे किसी कार्रवाई के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। शेयर बाजार के निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए ऐसा किया जाता है।

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