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समुद्री ताकत बढ़ाने के लिए अमेरिका से 5 वर्जीनिया-क्लास परमाणु-संचालित पनडुब्बियां खरीदेगा ऑस्ट्रेलिया

Author : Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस, आस्ट्रेलिया अपनी नौसेना को मजबूती देने के लिए अमेरिका से 5 परमाणु संचालित पनडुब्बियां खरीदेगा। इस सौदे से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस करार को तेजी से पूरा करने के लिए कैनबरा को दी जाने वाली परमाणु चालित कुछ पनडुब्बियों का निर्माण अमेरिका में किया जा सकता है, बाद में उत्पादन सुविधा आस्ट्रेलिया स्थानांतरित कर दी जाएगी। यह व्यवस्था अगले सप्ताह सोमवार 13 मार्च को सैन डियागो में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की उपस्थिति में घोषित की जाने वाली एक बहुआयामी योजना का हिस्सा है। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया को 5 अमेरिकी वर्जीनिया-श्रेणी की पनडुब्बियां देने की योजना का उद्देश्य 2030 के मध्य तक आस्ट्रेलिया को परमाणु-संचालित पनडुब्बियों से युक्त करना है। सूत्रों के अनुसार पनडुब्बी का उत्पादन बाद में ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जहां अमेरिकी तकनीक और डिजाइन के साथ पनडुब्बी का उत्पादन किया जाएगा।

प्रतिरक्षा के क्षेत्र में मिलकर करेंगे निवेश

योजना के अनुसार आने वाले सालों में अमेरिकी सैन्य विशेषज्ञ ऑस्ट्रेलिया के बंदरगाहों के नियमित दौरे कर 2027 तक परमाणु पनडुब्बियों को संचालित करने की क्षमता के विकास में सहायता करेगा। चीन के दबावों से निपटने की साझा रणनीति के तहत तीनों देश मिलकर रक्षा औद्योगिक के उन्नयन में भारी निवेश करेंगे। ऑस्ट्रेलिया परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण की अमेरिकी क्षमता के विस्तार में सक्रिय योगदान दे सकता है। इस संबंध में व्हाइट हाउस और वाशिंगटन स्थित ऑस्ट्रेलियाई दूतावास ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

तीन देशों के गठबंधन का नाम ऑकस

गठबंधन को ऑकस कहा जाता है, जो ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के नामों के शुरुआती अक्षरों को लेकर बनाया गया एक संक्षिप्त शब्द है। तीनों देशों के बीच अगले सप्ताह के पहले दिन होने वाली बैठक में परमाणु पनडुब्बी की आपूर्ति केंद्रबिंदु होगी। यह तीन देशों का संगठन अन्य क्षेत्रों में सहयोग के अलावा न्यूक्लियर सब मैरीन तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, आटोनामस सिस्टम, हाइपरसोनिक मिसाइल और अंडर वाटर तकनीक के क्षेत्र में विशेष रूप से एक दूसरे का सहयोग करेंगे। अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया कि ऑकस सौदे के परिणामस्वरूप ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटिश पनडुब्बियां अधिक कार्यक्षम हो जाएंगी। इससे ताइवान और दक्षिण चीन सागर में भुठभेड़ को आमादा चीन के साथ समुद्र के नीचे की सैन्य प्रौद्योगिकी में पश्चिमी देशों की चीन पर बढ़त बनाए रखने में मदद मिलेगी।

चीन ने इस एकजुटता को खतरनाक बताया

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सोमवार 13 मार्च को सैन डिएगो में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की मेजबानी करेंगे। इस बैठक में दौरान वह ऑस्ट्रेलिया को न्यूक्लियर पनडुब्बियों और दूसरे उच्च-तकनीकी हथियारों के नियमों के लिए आगे का रास्ता तैयार करेंगे। इस बैठक को चीन से मुकाबले के लिए तीनों देशों की प्रतिरक्षा तैयारियों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। दूसरी ओर चीन ने इन कोशिशों की निंदा की है। चीन ने कहा है कि पश्चिमी देश ताइवान पर दबाव और दक्षिण चीन सागर में दखलंदाजी के माध्यम से एकजुट हो रहे हैं।

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