ई-वाहनों के बढ़ते क्रेज के बीच हाइब्रिड वाहन पर चर्चा
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ई-वाहनों के बढ़ते क्रेज के बीच हाइब्रिड वाहन पर चर्चा

Kavita Singh Rathore

ऑटोमोबाइल। दुनियाभर की सड़को पर आज कई तरह के वाहन चलते नजर आ रहे है। इनमे कुछ पेट्रोल वाहन होते है तो कुछ डीजल वाहन। इसके अलावा आजकल ऑटोमोबाइल मार्केट में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज भी बहुत बड़े स्तर पर देखा जा रहा है। इस ई-वाहनों के बढ़ते क्रेज के बीच हाइब्रिड वाहनों के बारे में चर्चा करते हैं। आइये जाने क्या होते है, हाइब्रिड वाहन।

क्या है यह हाइब्रिड वाहन :

जिन वाहनों को चलाने के लिए दो या दो से अधिक भिन्न (अलग-अलग) ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्हें हाइब्रिड वाहन कहा जाता है या यूं कहे की उन्हें हाइब्रिड वाहन की श्रेणी में रखा जाता है। इसके अलावा इन वाहनों में आंतरिक दहन इंजन के साथ ही एक या एक से अधिक विद्युत मोटर भी उपलब्ध होते है। अगर हम और सरल सब्दो में कहे तो इस तरह के वाहनों में दो तरीके के इंजन लगाए जाते हैं। जिनमे से एक पेट्रोल या डीजल इंजन होता है, और दूसरा इलेक्ट्रिक इंजन होता है। इन वाहनों में दोनों इंजन को पावर सप्लाई की जाती हैं। इन्हे हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व़ीइकल्स भी का जाता है। इतना ही नहीं इसे लोग संकर विद्युत वाहन (HEVs) भी कह सकते है। यह दोनों तरह के (दो और चार पहिया) वाहन हो सकते है।

ऊर्जाओं का इस्तेमाल:

हाइब्रिड वाहन में ऑन-बोर्ड या आउट-बोर्ड दोबारा चार्ज करने योग्य ऊर्जा, पेट्रोल या डीजल ईंधन, हाइड्रोजन, संपीड़ित हवा, तरल नाइट्रोजन, ह्यूमन पॉवर जैसे - पैडल मारना या नाव चलाना, विद्युत, पवन, प्राकृतिक गैस, सौर, आंतरिक दहन इंजन से अपशिष्ट उष्मा, कोयला, लकड़ी या अन्य ठोस जलावन, विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र, रेडियो तरंगें इस तरह ही ऊर्जाओं का इस्तेमाल किया जाता है।

पहली हाइब्रिड कार:

पहली सीरियल हाइब्रिड कार 1997 में जापानी वाहन निर्माता कंपनी "Toyota" (टोयोटा प्रियस लिफ्टबैक) ने असेम्बल की थी। इसके दो साल बाद,जापान की वाहन निर्माता कंपनी "होंडा" ने भी अपनी हाइब्रिड कार की पेशकश की थी। इसके बाद इसी सूचि में "फोर्ड" "ऑडी", "वोल्वो", "बीएमडब्ल्यू" जैसी कम्पनिया भी शामिल हो गई। इतना ही नहीं 2014 तक, कंपनियों ने यह आंकड़ा 7 मिलियन को पार कर दिया है।

हाइब्रिड वाहन के फायदे :

  • पेट्रोल-डीजल वाहनों की तुलना में हाइब्रिड वाहनों से प्रदूषण 10% कम होता है।

  • हाइब्रिड वाहन फ्यूल के खर्च को कम करता है।

  • हाइब्रिड वाहनों से पैसों की बचत होती है।

  • यह अन्य कारों की तरह ही सुविधाजनक होती है।

  • हाइब्रिड वाहनों में दो तरह की इंजन की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।

  • दो तरह के इंजन होने के कारण हम इसे चार्ज न होने पर पेट्रोल/डीजल द्वारा भी चला सकते है।

हाइब्रिड वाहन के नुकसान :

  • हाइब्रिड कारों में इस्तेमाल होने बाली बैटरी की लाइफ कम होती है।

  • इसकी बैटरी की सर्विस कराना एक बहुत मश्किल काम होता है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि, आम मैकेनिक इनकी सर्विसिंग नहीं कर पाते है।

  • इन गाड़ियों की सर्विसिंग करने के लिए कंपनी के वर्कशॉप ही जाना पड़ता हैं।

  • भारत में किसी को हाइब्रिड कारों में इस्तेमाल होने बाली बैटरी को डिस्पोज करने या इन्हें रिसाइकल करने का कोई उचित तरीके नहीं मालूम है। जिससे भारत में इन बैटरी से दीर्घकालिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है।

  • सरकार ने छोटे हाइब्रिड वाहनों पर दी जाने वाली सब्सिडी को वापस ले लिया है, जिसके कारण यह महंगी पड़ती है।

  • इन वाहनों का वजन अपेक्षाकृत ज्यादा होता है।

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