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BSE व NSE ने HAL में पर्याप्त स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति नहीं करने पर एचएएल पर लगाया जुर्माना

Author : Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • कॉर्पोरेट गवर्नेंस मानदंडों का पालन नहीं करने पर एचएएल पर कार्रवाई

  • बीएसई-एनएसई ने एचएएल पर दिसंबर तिमाही के लिए लगाया जुर्माना

  • एचएएल ने कहा केंद्र के पास आवेदन किया है, अब तक नहीं मिली अनुमति

राज एक्सप्रेस । सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) पर हाल में कंपनी के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों की पर्याप्त संख्या नहीं होने के कारण जुर्माना लगाया गया है। बांबे स्टाक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने यह कार्रवाई कॉर्पोरेट गवर्नेंस मानदंडों का पालन नहीं करने पर की है। बीएसई और एनएसई ने एचएएल पर 31 दिसंबर 2023 तिमाही के लिए 542,800 रुपए का जुर्माना लगाया है।

जुर्माना विनियमन 17(1) के उल्लंघन के कारण लगाया गया, जो कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत बोर्ड संरचना का निर्धारण करता है। इस विनियमन के अनुसार, कंपनियों को अपने बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों का एक न्यूनतम प्रतिशत रखना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर उसके विरुद्ध कॉर्पोरेट गवर्नेंस मानदंडों का पालन नहीं करने के लिए विनियमन 17(1) के तहत कार्रवाई की गई है। उल्लेखनीय है कि हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) का संचालन रक्षा मंत्रालय के अधीन किया जाता है।

इस मामले में एचएएल ने स्पष्ट किया है कि उसने स्वतंत्र निदेशकों की रिक्तियों को भरने के लिए रक्षा मंत्रालय से अनुरोध किया है। चूंकि सरकारी कंपनियों में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति सरकार की मंजूरी से होती है, इसलिए एचएएल सीधे तौर पर स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति नहीं कर सकता। केंद्र सरकार ने अब तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है। एचएएल ने जुर्माना माफी के लिए एनएसई के पास आवेदन किया है, लेकिन एक्सचेंज ने पहले विनियमों का पालन करने की शर्त रखी।

यह घटना विनियमों के पालन के महत्व को रेखांकित करती है। कॉर्पोरेट गवर्नेंस के विशेषज्ञों का मानना है कि सरकारी कंपनियों में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियुक्ति प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित और समयबद्ध बनाया जाना चाहिए। एचएएल उम्मीद करता है कि रक्षा मंत्रालय जल्द ही स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति करेगा।

साथ ही, कंपनी यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है कि भविष्य में बोर्ड संरचना के संबंध में विनियमों का पालन किया जाए। एचएएल की घटना कॉर्पोरेट गवर्नेंस मानदंडों के पालन को लेकर जरूरी सुधारों पर प्रकाश डालती है। यह सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी कॉर्पोरेट गवर्नेंस प्रथाओं को बनाए रखने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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