CCI approves Reliance Retail Venture and Future Group deal
CCI approves Reliance Retail Venture and Future Group deal Kavita Singh Rathore -RE
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रिलायंस रिटेल वेंचर और फ्यूचर ग्रुप की डील को CCI की मंजूरी

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) भारत की एक ऐसी कंपनी है। जो, काफी समय से सिर्फ विदेश की कई कंपनियों के साथ डील करने के लिए चर्चा में रही है। वहीं, हाल ही में RIL की रिलायंस रिटेल वेंचर कंपनी की किशोर बियानी की खुदरा कारोबार की दिग्गज कंपनी फ्यूचर ग्रुप से साझेदारी होने की खबरे सामने आई थी, लेकिन दोनों कंपनी की यह डील जेफ़ बेजोस की कंपनी अमेजन के चलते विवादों में आ गई थी। हालांकि, अब इस डील में आ रही सभी अटकलें अब दूर हो गई हैं।

डील को मिली CCI की मंजूरी :

दरअसल, रिलयांस के रिटेल वेंचर और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई इस डील को कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) द्वारा शुक्रवार को मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के मिलने से दोनों कंपनियों के बीच डील को लेकर आ रही मुश्किलें अब दूर हो गई हैं। इस बारे में CCI ने एक ट्विट कर जानकारी दी है। CCI ने अपने ट्वीट में लिखा है कि,

कमीशन ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग कारोबार की खरीदारी को मंजूरी दे दी है। रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड और रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड ने फ्यूचर ग्रुप के इन कारोबारों को खरीदा है।
कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया

रिटेल वेंचर और फ्यूचर ग्रुप की डील :

बताते चलें, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL)के रिटेल वेंचर और किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के बीच अगस्त में 24,713 करोड़ रुपए की डील हुई थी। इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप ने अपना रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा था। रिलायंस ने देश में रिटेल कारोबार के विस्तार करने के मकसद से यह डील की थी, लेकिन अमेजन कंपनी के चलते ये डील पूरी होने के बाद भी इस पर रोक लग गई थी।

दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया था मामला :

दरअसल, बीते दिनों इस मामले पर हुई कार्यवाही के तहत Amazon कंपनी की अपील पर मध्यस्थता अदालत ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच होने वाली डील पर रोक लगाने के फैसला किया था, लेकिन इस फैसले के बाद फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाई कोर्ट में कैविएट पिटीशन दायर करते हुए अपील की थी कि, अगर अमेजन एप्लीकेशन फॉर इनफोर्समेंट दायर करता है तो, कोई भी अंतरिम आदेश देने से पहले फ्यूचर ग्रुप की कंपनियों की बात भी सुनी जाए। कंपनी के इस कदम के बाद चर्चा यह थी कि, कंपनी ने यह फैसला एहतियात के तौर पर लिया है।

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