Central government bought 14,654 crores cotton in two months
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केंद्र सरकार ने मात्र दो महीने में 14 करोड़ से ज्यादा का कपास खरीदा

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत में कपास (Cotton) का इस्तेमाल काफी बड़े स्तर पर किया जाता है। इस बात का अंदाजा हाल ही में भारत सरकार द्वारा बताए गए कपास खरीदी के आंकड़ें से लगाया जा सकता सकता हैं। बता दें, केंद्र सरकार ने इस साल मात्र दो महीने के अन्दर लगभग 14, 654 करोड़ का कपास खरीदा है। इस बारे में जानकारी उद्योग संगठन ऐसोचैम के कार्यक्रम में केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने दी है।

कपास खरीदी के आंकड़ें :

जहां, देशभर में किसान आंदोलन जारी है। वहीं, इसी बीच केंद्र सरकार ने कपास खरीदी की ऑंकड़े जारी कर बताया है कि, 2 महीने में 14, 654 करोड़ की कपास खरीदने से कपास की खेती में करने वाले 9.63 लाख किसानों को फायदा हुआ है। इस प्रकार कपड़ा उद्योग का सालाना कारोबार 18 बिलियन डॉलर से 80 बिलियन डॉलर तक पहुंचता है। स्मृति ईरानी ने उद्योग द्वारा किसानों की मदद करने की बात करते हुए कहा कि, अगर ऐसा हुआ तो फिर इसका असर काफी ज्यादा पड़ेगा।

केंद्रीय कपड़ा मंत्री का कहना :

इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि, '11,799 करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खातों में सीधे पहुंच चुकी है। पिछले मार्केटिंग ईयर (2019-20) में सरकार ने 28,500 करोड़ रुपये का कपास खरीदा था। वहीं, 2013-14 में कुल 90 करोड़ रुपये का कपास सरकार किसानों से खरीदती थी। केंद्र सरकार टेक्सटाइल उद्योग के लिए जल्द ही एक 10 हजार करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम लेकर के आने वाली है। इस स्कीम को करीब दो दशक के बाद लाया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार खेती में टेक्नोलॉजी और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे रही है ताकि कपास की खेती करने वाले किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा सके। सरकार ने कपास का उत्पादन प्रति वर्ष 4-5 लाख Bales से बढ़ाकर के 50 लाख Bales बढ़ा दिया है।'

PPE किट बनाने में भी भारत आत्मनिर्भर :

केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने PPE किट के बारे में बताते हुए कहा, 'जब देश में कोरोना महामारी की शुरुआत हुई तो पूरे विश्व को आशंका थी, क्या भारत PPE किट्स का निर्माण कर सकता है या नहीं, लेकिन हमने उद्योग की मदद से PPE किट्स बनाने में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। इसमें सूक्ष्म और लघु उद्योग सेक्टर ने भी पूंजी न होने के बावजूद PPE किट्स का काफी बड़ी संख्या में निर्माण कर डाला।'

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