Central government imported potatoes from Bhutan
Central government imported potatoes from Bhutan Kavita Singh Rathore -RE
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बढ़ती कीमतों के चलते भूटान से आलू मंगाएगी केंद्र सरकार

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। त्योहारी सीजन आने के बाद अब तक तो प्याज की कीमतों ने ही आफ़त मचा रखी थी, लेकिन अब आलू की कीमतों ने भी आसमान छूने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पिछले कुछ दिनों के दौरान मार्केट में आलू की कीमतें 39.30 रुपए तक बढ़ गई हैं। जिससे आलू के दाम 39.30-40 रुपये किलो हो गए हैं। पिछले साल की तुलना में यह कीमतें दोे गुनी है। इसी के चलते अब केंद्र सरकार भूटान से आलू खरीद रही है।

भूटान से आलू आयात :

दरअसल, त्योहारी सीजन सीजन के आते ही आलुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। जिसके चलते केंद्र सरकार ने अब आलू की आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर रोक लगाने के मकसद से उचित योजना तैयार की है। इस योजना के तहत सरकार भूटान से आलू 30 हजार टन आलू का आयात कर रही है। ज्ञात हो कि, इससे पहले सरकार भूटान से 7 हजार टन प्याज का आयात कर चुकी है। आलू की बढ़ती कीमतों के चलते विपक्ष सरकार को घेर रहा हैं। खबरों के अनुसार, दीवाली से पहले तक भूटान से 25 हजार टन खेप और मंगवाने की संभावना है।

आलू की कीमतें :

सरकारी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देशभर में आलू की औसत खुदरा कीमत अक्टूबर में बढ़कर 39.30 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई थी। जबकि, पिछले साल की सामान अवधि में आलू की औसत खुदरा कीमत 20.57 रुपए प्रति किलो थी यानी इस साल आलू की कीमतें दोगुना हो गई है।

सालभर बढ़ी रही आलू की कीमतें :

बताते चलें, वैसे हर साल सितंबर से नवंबर के महीनों में देशभर में आलू की खुदरा कीमत अधिक रहती है, लेकिन इस साल आलू की कीमतें फरवरी-मार्च से बढ़ी चल रही हैं। फरवरी-मार्च के आलू की औसत मासिक खुदरा कीमत 23 रुपए प्रति किलो पहुंच गई थी। वहीं, अप्रैल और मई में भी आलू की कीमतें बढ़ीं हैं। इन लगातार बढ़ रही आलू की कीमतों का मुख्य कारण पिछले सालों की तुलना में इस बार हुआ रबी सीजन में आलू का कम भंडारण था।

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