हाइलाइट्स :
सरकार कर रही RBI से फंड मांगने का विचार
अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए लेगी RBI से मदद
मदद के पैसों से होगी राजस्व में बढ़ोतरी
RBI द्वारा सरकार को दिए गए 1.48 लाख करोड़ रुपये
राज एक्सप्रेस। देश में धीमी पड़ी अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए सरकार लगातार कुछ न कुछ संभव प्रयास कर रही है, वहीं अब केंद्र सरकार का विचार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से फंड जुटाने का नजर आ रहा है। दरअसल, खबरों के अनुसार, सरकार जल्द ही अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए RBI से 45 हजार करोड़ रूपये मदद के रूप में मांग सकती है।
राजस्व बढ़ाने के आएँगे काम :
ख़बरों के अनुसार, सरकार इन पैसों के द्वारा राजस्व में बढ़ोतरी करेगी जिससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए उचित कदम उठाये जाएंगे। वहीं खबरों में यह बात भी सामने आई है कि, यदि ऐसा होता है तो, अगर सरकार ने RBI से पैसा लिया तो एक बार दोबारा RBI और सरकार के बीच मतभेद होने के चांस बढ़ जाएंगे क्योंकि, रिजर्व बैंक द्वारा केंद्र सरकार को लाभांश (डिविडेंड) के तौर पर 1.76 लाख करोड़ रुपये देने की बात कही गई थी। जबकि RBI ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान इस कुल रकम में से मात्र 1.48 लाख करोड़ रुपये ही दिए थे।
डिविडेंड मिलने का प्रोसीजर :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सरकार को डिविडेंड देने का एक प्रोसीजर होगा है। जिसके अनुसार, RBI करंसी और सरकारी बॉन्ड के ट्रेडिंग से काफी मात्रा में फायदा कमाता है। जिसके बाद RBI इस पूरी कमाई में से एक हिस्सा अपने पास रखता है जो परिचालन के काम आता है और एक दूसरा हिस्सा इमरजेंसी फंड के तौर पर रख लेता है। इसके बाद जो राशि बचती है, उस राशि में से डिविडेंड के रूप में सरकार को पैसा मिलता है।
क्यों हुई वित्तीय मदद की आवश्यकता :
खबरों के हवाले से ही यह बात भी सामने आई है कि, चालू वित्त वर्ष सर्कार के लिए काफी कठिन साबित होने वाला है। लगातार बढ़ती ही जा रही इस आर्थिक सुस्ती पर इस साल लगाम लगाने की जरूरत है। जिसके चलते सरकार RBI से वित्तीय मदद की उम्मीद कर रही है, क्योंकि RBI से मिलने वाली वित्तीय मदद के द्वारा आर्थिक स्थिति में कुछ सुधर आएगा। खबरों के अनुसार, सरकार को आर्थिक सुस्ती दूर कारण के लिए 35,000 करोड़ से 45,000 करोड़ रुपये तक की वित्तीय मदद की आवश्यकता है। हम आपको यह भी बता दें कि, यदि सरकार इस बार भी फंड लेती है तो, यह लगातार तीसरा साल हो जाएगा, जब सरकार RBI से डिविडेंड लेगी।
राजस्व में आई भारी कमी :
आकंड़ो से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस चालू वित्त वर्ष में सरकार राजस्व में आई कमी को लेकर परेशान है। सरकार के राजस्व में लगभग 19.6 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। इस संकट से जूझने का मुख्य कारण आर्थिक सुस्ती और कॉरपोरेट टैक्स में दी गई राहत। वहीं सरकार ने बताया कि, GST और टैक्स से हुआ कलेक्शन भी उनके मन मुताबिक नहीं हो सका है।
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