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2022-23 में वस्तु एवं सेवा कर के रूप में एकत्र किए गए 18.06 लाख करोड़, मार्च में आए 1.60 लाख करोड़ रुपए

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। सरकार ने पिछले वित्तवर्ष के अंतिम माह मार्च में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) से 1.60 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। इस तरह 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में केंद्र सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रूप में कुल 18.06 लाख करोड़ रुपए मिले हैं। यह सात साल पहले 2017 में शुरू की गई नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की शुरुआत के बाद का एक अहम पड़ाव है। जीएसटी कलेक्शन साल दर साल जिस तरह बढ़ता गया, वह विपरीत घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती का स्पष्ट संकेत है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2023 के पहले 11 महीनों में जीएसटी संग्रह ने 16.46 लाख करोड़ रुपए की सीमा का स्पर्श कर लिया था। साल दर साल के आधार पर जीएसटी संग्रह में 22.7 फीसदी की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार ने पिछले वित्तवर्ष के अंतिम मार्च माह में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) से 1.60 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। इसके विपरीत, पिछले साल मार्च के महीने में 1.42 लाख करोड़ रुपए जीएसटी कलेक्शन किया गया था। इसका अर्थ यह हुआ कि इस बार मार्च के महीने में सालाना आधार पर 13 फीसदी ज्यादा जीएसटी कलेक्शन किया गया है।

आगे भी जारी रहेगा वृद्धिमान कर संग्रह का यह सिलसिला

इन आंकड़ों को देखते हुए वित्तमंत्रालय को उम्मीद है कि वृद्धिमान कर संग्रह का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा और चालू वित्त वर्ष के जीएसटी संग्रह के आंकड़ों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। वित्र मंत्रालय ने, पिछले 11 माह के औसत के आधार पर, पहले ही उम्मीद जताई थी कि जब मार्च माह के आंकड़े सामने आएंगे, तो आसानी से 18 लाख करोड़ रुपए जीएसटी संग्रह की सीमा पार कर हो जाएगी। हुआ भी यही, एक अप्रैल को सामने आए मार्च के आंकडों के अनुसार वित्तवर्ष के अंतिम माह में जीएसटी के रूप में 1.60 लाख करोड़ का कर संग्रह किया गया है। इस तरह 31 मार्च 2023 को खत्म हुए वित्तवर्ष में केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के रूप में कुल 18.06 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। पिछले साल औसतन प्रतिमाह 1.50 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन किया गया। वित्तवर्ष के पिछले 11 माह में 16.46 लाख करोड़ रुपए जीएसटी संग्रह किया गया। वित्तमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जीएसटी संग्रह हमारे अनुमानों के काफी करीब है। पिछले औसत के आधार पर हम मान कर चल रहे थे कि इस साल कर संग्रह 18 लाख करोड़ रुपए की सीमा को आसानी से छू लेगा और अब जबकि मार्च के आंकड़े सामने आ गए हैं, हम देख सकते हैं कि ऐसा ही हुआ है।

जीएसटी संग्रहण वृद्धि के मामले में मिजोरम पहले स्थान पर

देश में माल एवं सेवा कर का संग्रह मार्च में 13 प्रतिशत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। यह अप्रैल 2022 के जीएसटी संग्रह के बाद अब तक का दूसरा सबसे बड़ा जीएसटी संग्रह है। मार्च के महीने वृद्धिमान मासिक जीएसटी संग्रह इस तथ्य की पुष्टि करता है कि देश की आर्थिकि विकास दिशा सकारात्मक है और विकास का पहिया तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमें यह ध्यान में रखने की आवश्यकता है कि अप्रैल 2023 में संग्रह और अधिक होगा क्योंकि यह मार्च के 31 दिनों के व्यापारिक लेनदेन को प्रदर्शित करेगा। जीएसटी राजस्व में साल-दर-साल 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। राज्यों में जीएसटी संग्रहण वृद्धि के मामले में मिजोरम पहले स्थान पर है। यहां साल 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में जीएसटी संग्रह में 91.16 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। अंडमान निकोबार में 38.88 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में 37.56, नगालैंड में 35.7 प्रतिशत और गोवा में जीएसटी संग्रह में 33.33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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