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बकाया व जुर्माना भरकर कंपनियां फिर करा सकती हैं जीएसटी का पंजीकरण, 30 जून तक करें आवेदन

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न नहीं भरने के कारण जिन कंपनियों का पंजीकरण रद्द हो गया है, उन्हें सरकार ने फिर पंजीकरण कराने का एक मौका दिया है। वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में संशोधन कर दिया है। इसके बाद, ऐसी कंपनियां या कारोबार कर, ब्याज और जुर्माना भरने के बाद 30 जून से पहले अपना पंजीकरण बहाल करने के लिए आवेदन कर सकती हैं। वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में संशोधन करते हुए कहा है कि जिन कंपनियों का जीएसटी पंजीकरण 31 दिसंबर, 2022 या उससे पहले रद्द हो गया है, वे 30 जून, 2023 तक पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकती हैं। हालांकि, वित्तमंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि आवेदन पंजीकरण रद्द होने की तारीख तक बकाया रिटर्न या कोई अन्य बकाया मसलन ब्याज, जुर्माना और विलंब शुल्क अदा करने के बाद ही किया जा सकेगा।

जीएसटी संग्रह बढ़कर 1.60 लाख करोड़

सरकार ने जानकारी दी कि जीएसटी संग्रह मार्च में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये हो गया जो अब तक का दूसरा सर्वाधिक कर संग्रह है। इसके साथ वित्त वर्ष 2022-23 में वार्षिक कर वृद्धि 22 प्रतिशत रही। पिछले महीने जीएसटी में पंजीकृत 91 प्रतिशत से अधिक कारोबारों ने रिटर्न जमा करने के साथ कर भुगतान किया। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मार्च, 2023 में कुल जीएसटी संग्रह 1,60,122 करोड़ रुपये रहा है। इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 29,546 करोड़ रुपये है जबकि राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) संग्रह 37,314 करोड़ रुपये है। वहीं एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के मद में 82,907 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए हैं। इसके साथ 10,355 करोड़ रुपये का उपकर भी शामिल है। इसके पहले फरवरी में जीएसटी संग्रह 1.49 लाख करोड़ रुपये रहा था जबकि जनवरी में 1.57 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ था।

2022-23 में कुल जीएसटी संग्रह 18.10 लाख करोड़

जीएसटी का सर्वाधिक संग्रह अप्रैल, 2022 में 1.68 लाख करोड़ रुपये का रहा था। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान जीएसटी का कुल संग्रह 18.10 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। समाप्त वित्त वर्ष में जीएसटी का औसत मासिक संग्रह 1.51 लाख करोड़ रुपये रहा है। इस वित्त वर्ष में चार बार मासिक कर संग्रह 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। इस तरह 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में केंद्र सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रूप में कुल 18.06 लाख करोड़ रुपए मिले हैं। यह सात साल पहले 2017 में शुरू की गई नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की शुरुआत के बाद का एक अहम पड़ाव है। जीएसटी कलेक्शन साल दर साल जिस तरह बढ़ता गया, वह विपरीत घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती का स्पष्ट संकेत है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2023 के पहले 11 महीनों में जीएसटी संग्रह ने 16.46 लाख करोड़ रुपए की सीमा का स्पर्श कर लिया था। साल दर साल के आधार पर जीएसटी संग्रह में 22.7 फीसदी की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है।

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