राज एक्सप्रेस। GST काउंसलिंग की 45वीं बैठक में, जो लखनऊ में आयोजित की गयी थी एक नया निर्णय लिया गया हैं। अगले वर्ष से मासिक जीएसटी रिटर्न फ़ाइल नहीं करने पर आगामी महीनों में सेल्स रिटर्न फाइलिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।
दरअसल, GST काउंसलिंग की लखनऊ में आयोजित की गयी 45वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों के तहत एक नया निर्णय यह लिया गया कि, अगले साल 1 जनवरी 2022 से संक्षिप्त रिटर्न फ़ाइल एवं मासिक GST के भुगतान में देरी करने वाली कंपनियों को आने वाले महीनों में GSTR-1 Sales Return भरने की कोई अनुमति नहीं मिलेगी। यह एक तरह की कार्यवाही है, ताकि सभी कंपनियां नियमित तरीके से जीएसटी भर सके। इसके आलावा सरकार के यह निर्देश भी है कि कंपनियों या कारोबारियों द्वारा रिफंड का दावा करने के लिए आधार सत्यापन को अनिवार्य किया जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार में कमी आये।
भ्रष्टाचार और चोरी पर बढ़ेगी सख्ती :
सरकार के इन निर्णयों के कारण जीएसटी चोरी से राजस्व को होने वाले नुकसान को रोका जाएगा। साथ ही भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाई जायेगी। नियमों को और कठोर करने के मत यह भी है कि, सरकार चाहती है कि, कंपनिया या कारोबारी के इनकम का सही डाटा उन तक सही तय सीमा में पहुंच पाए।
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