रेपो रेट में नहीं हुए बदलाव से मिलेगी रियल एस्टेट सेक्टर को मदद
रेपो रेट में नहीं हुए बदलाव से मिलेगी रियल एस्टेट सेक्टर को मदद सांकेतिक चित्र
अर्थव्यवस्था

रेपो रेट में नहीं हुए बदलाव से मिलेगी रियल एस्टेट सेक्टर को मदद

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। जैसा कि, सभी जानते हैं आज गुरुवार को देश के केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक का आयोजन हुआ था। इस बैठक के बाद जो बड़ा फैसला समें आया वो यह था कि, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा बीते समय में 6 बार रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ाने के बाद इस बार कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन क्या आपको पता है कि, इस फैसले से किसे मदद मिलेगी ? यदि नहीं तो हम आपको बता दें, इस फैसले यानी रेपो रेट के ना बढने से सबसे ज्यादा मदद रियल एस्टेट सेक्टर को मिलने वाली है। चलिए चर्चा करते हैं कैसे ?

रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगी मदद :

दरअसल, आज गुरुवार को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट में कोई बदलाव नही हुआ यह 6.5% पर ही स्थिर है। अब आज रेपो रेट में तो कोई बदलाव नही हुआ, लेकिन अब रियल एस्टेट सेक्टर में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। क्योंकि, इस बारे में जानकारी देते हुए रिसर्च एंड रियल एस्टेट इंटेलिजेंस सर्विसेज, जेएलएल के मुख्य अर्थशास्त्री और प्रमुख डॉ. सामंतक दास बताते हैं कि, 'RBI ने देश के मैक्रो-इकोनॉमिक लचीलापन, मजबूत बैंकिंग प्रणाली और मजबूत वित्तीय बाजारों का हवाला देते हुए रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का साहसिक कदम उठाया है। इससे पहले लगातार छह बार ब्याज दरों में वृद्धि के प्रभाव का आकलन करने के लिए यह सही कदम है। यह रियल एस्टेट उद्योग जगत के लिए भी स्वागत योग्य कदम है।'

कैसे मिलेगी रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी मदद :

JLL के मुख्य अर्थशास्त्री और प्रमुख डॉ. सामंतक दास ने बताया है कि, RBI ने विभिन्न हितधारकों का ख्याल रखा है। भारत के हाउसिंग बाजार में 2023 की पहली तिमाही के दौरान बिक्री में 20% की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है और यह 15 साल के उच्चतम स्तर पर भी पहुंच गया है। अप्रैल 2022 के बाद से होम लोन की EMI में 15 से 17% का इजाफा हुआ है। जबकि इस दौरान होम लोन करीब 4 से 12% तक महंगा हुआ है। ऐसे में रेपो रेट का न बढ़ना ग्राहकों और रियल एस्टेट सेक्टर को एक बड़ी राहत देगा।

लगभग 5.5% तक हो सकती महंगाई :

घोष ने कहा कि खुदरा महंगाई के मोर्चे पर फिलहाल बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। पिछले 10 साल में औसत महंगाई दर 5.8 फीसदी रही है। इस बात की बहुत कम संभावना है कि आने वाले दिनों में खुदरा महंगाई 5.5% या उससे नीचे आएगी। पिछले दो महीने से खुदरा महंगाई RBI के 6% के संतोषजनक दायरे से ऊपर रही है। फरवरी में खुदरा महंगाई 6.44% और जनवरी में 6.52% रही थी।

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