राज एक्सप्रेस। हर साल 20 अक्टूबर को दुनिया भर में सांख्यिकी के मौलिक सिद्धांतों की उपलब्धियों को सबके सामने रखने के लिए विश्व सांख्यिकी दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिन का आयोजन संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग के मार्गदर्शन में किया जाता है। पहली बार विश्व सांख्यिकी दिवस को 20 अक्टूबर 2010 को मनाया गया था। तब से हर पांच साल में यह दिवस मनाया जाता है। चलिए आपको बताते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व।
विश्व सांख्यिकी दिवस का क्या है इतिहास :
संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग के द्वारा 20 अक्टूबर 2010 को विश्व सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। जिसके बाद महासभा ने इस प्रस्ताव को मानते हुए आधिकारिक तौर पर 20 अक्टूबर को 2010 को पहली बार विश्व सांख्यिकी दिवस के रूप में अपनाया था। इसके साथ ही इस दिवस को हर पांच साल में मनाने का फैसला भी किया था।
विश्व सांख्यिकी दिवस का महत्व :
इस दिवस को मनाए जाने का महत्व यही है कि हमारी दिनचर्या में आंकड़े ही हमारी चीजों को ना केवल आसान बल्कि तेज भी बनाते हैं। इसके अलावा सांख्यिकी की सहायता से हमारे अतीत के साथ ही वर्तमान की बातें भी साफ़ हो जाती हैं। आज के समय में सांख्यिकी का हम सभी की जिंदगी में खास महत्व है। इसके साथ ही विश्व सांख्यिकी दिवस देश के हर पहलू के विकास और आगे बढ़ने की दिशा में भी महत्पूर्ण भूमिका निभाता है।
विश्व सांख्यिकी दिवस की क्या है थीम :
हर साल विश्व सांख्यिकी दिवस को मनाने के लिए एक थीम का निर्धारण किया जाता है। जिसके अनुसार ही इस दिन को मनाया जाता है। इस साल विश्व सांख्यिकी दिवस की थीम ‘सतत विकास के लिए आंकड़े’ (Data for Sustainable Development) निर्धारित की गई है।
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