Export stopped due to Farmers protest
Export stopped due to Farmers protest Syed Dbeer Hussain - RE
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किसान आंदोलन के दुष्परिणाम - भारत सहित 40 देशों का आयात-निर्यात प्रभावित

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत में पिछले 2 महीनों से जारी कृषि बिल के खिलाफ किसान आंदोलन अब काफी बड़ा रूप ले चुका है। इस आंदोलन से अब अनेक राज्यों के किसान जुड़ चुके हैं। इतना ही नहीं इन प्रदर्शनों के देश में दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। इन प्रदर्शनकारियों के चलते कभी रेल यात्रा रोकनी पड़ रही हैं तो, कभी भारत बंद के चलते कोई और नुकसान हो रहा है। वहीं, अब इस किसान आंदोलन के चलते ही देश में होने वाले आयत-निर्यात पर भी बुरा असर पड़ता नजर आ रहा है।

दूसरे देशों पर भी पड़ रहा बुरा प्रभाव :

दरअसल, भारत में शुरू हुआ किसान आंदोलन अब काफी बड़ा रूप ले चुका है। भारत के किसान अब कृषि बिल के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। इन किसानों पर काबू पाना अब मुश्किल होता नजर आ रहा है। इनसे अब तक भारत के अंदर ही नुकसान हो रहा था, लेकिन अब भारत के साथ ही आने देशों पर भी इन आंदोलनों का बुरा असर दिखना शुरू हो चुका है। हालात यह है कि, बाहरी देशों के लिए माल की ढुलाई काफी प्रभावित हुई है। जिससे उद्योग ठप्प पड़ गए है। यही कारण है कि, 40 से ज्यादा देशों में सामान का निर्यात नहीं हो पा रहा है।

आयात-निर्यात में हो रही परेशानी :

किसान कृषि बिल के खिलाफ अपनी जिद्द पर अड़े हैं। वह पहले के सामने अपनी मांगे रख चुके हैं। देश में किसानों की यह मांगे इतनी ज्यादा तेज हो चुकी है की अब इन आंदोलनों के चलते दूसरे देश प्रभावित होने लगे हैं। वहीं, कुंडली औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्री से बर्तन, स्वास्थ्य उपकरण, दवाई, LED, प्लास्टिक उपकरण समेत अन्य सामान विदेशों में निर्यात होता आया है, लेकिन अभी किसान आंदोलन के चलते सामान फैक्ट्री से बाहर ही नहीं निकाल पाया जा रहा है। यही कारण है कि, भारत से निर्यात नहीं हो रहा है और न दूसरे देशों से कच्चा माल आ पा रहा है।

ये देश हैं शामिल :

किसान आंदोलन के चलते जिन देशों में का निर्यात प्रभावित हो रहा है। उन देशों में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, यूके, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, ग्रीस, वेनेजुएला, तुर्की, थाईलैंड, ताइवान, स्विट्जरलैंड, स्पेन, सिंगापुर, सऊदी अरब, न्यूजीलैंड, मलयेशिया, इटली और इंडोनेशिया शामिल हैं। इन सब के चलते अनेक दोस्त देशों से सरकार के संबंधो में दूरिया आरही हैं। ऐसे हालातों के बीच फंसे हुए उद्यमी को कोई रास्ता नजर नहीं आरहा है। इस मामले में यहां अपने देश के ग्राहकों को समझा दिया जा रहा है, लेकिन अन्य देशों में समझाना काफी मुश्किल हो रहा है।

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