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व्यापार

विदेशी मुद्रा भंडार में 2.36 अरब डॉलर की गिरावट, 582.53 अरब डॉलर बचा मुद्रा रिजर्व

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • बढ़ती महंगाई और मध्यपूर्व में संकट के कारण कच्चे तेल के साथ सोने के दामों में भी तेजी

  • विदेशी निवेशक पैसा निकाल रहे हैं, इसका असर विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा है

  • अक्टूबर 2021 में मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर जा पहुंचा था

राज एक्सप्रेस। वैश्विक स्तर पर बढ़ती महंगाई और मध्यपूर्व में संकट गहराने के कारण कच्चे तेल के साथ-साथ सोने के दामों में भी तेजी का दौर शुरू हो गया है। इस बीच शेयर बाजार से विदेशी निवेशक बड़ी मात्रा में पैसा निकाल रहे हैं। इसका असर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ रहा है। पिछले सप्ताह 20 अक्टूबर तक देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.36 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली है। इसके बाद देश का विदेशी मुद्रा रिजर्व घटकर 582.53 अरब डॉलर रह गया है।

रिजर्व बैंक ने अपने बयान में बताया कि इससे पहले के सप्ताह में देश का कुल मुद्रा भंडार 1.153 अरब डॉलर बढ़कर 585.895 अरब डॉलर हो गया था। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। पिछले साल में बाद में वैश्विक घटनाक्रम से पैदा हुए दबावों के बीच रिजर्व बैंक ने रुपये की विनिमय दर में गिरावट रोकने के लिए इस पूंजी भंडार का उपयोग किया था। इसके बाद देश के विदेशी मुद्राभंडार में कमी आ गई थी। स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.85 अरब डॉलर बढ़कर 45.42 अरब डॉलर हो गया।

आंकड़ों के अनुसार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 7 करोड़ डॉलर घ्राटकर 17.93 अरब डॉलर रहा। आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास रखा देश का मुद्रा भंडार 60 लाख डॉलर बढ़कर 4.98 अरब डॉलर हो गया है। आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल द्वारा भू-राजनीतिक संघर्षों से उत्पन्न चुनौतियों और आर्थिक और वित्तीय हालात पर शुक्रवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में की गई समीक्षा भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों की चर्चा की गई।

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