इको फ्रेन्ड़ली होली के लिए वन विभाग ने तैयार की हर्बल गुलाल
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इको फ्रेन्ड़ली होली के लिए वन विभाग ने तैयार की हर्बल गुलाल

Author : राज एक्सप्रेस

राज एक्सप्रेस। इको फ्रेंडली होली के लिए राजस्थान के उदयपुर में वन विभाग की पहल पर हर्बल गुलाल तैयार की गई है। वन विभाग द्वारा आयसजृन गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से होली के पर्व पर स्वयं सहायता समूह एवं वन सुरक्षा एवं प्रबन्ध समितियों के माध्यम से हर्बल गुलाल तैयार कर पिछले 10 वर्षों से आमजन हेतु विक्रय के लिए उपलब्ध कराई जा रही है। इससे ग्रामीणों विशेषकर जनजाति महिलाओं को रोजगार उपलब्ध हो रहा है साथ ही उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो रही है।

इसे स्थानीय रूप से उपलब्ध ढाक (खाखरा), गुलाब, कनेर, बोगन बेलिया, अमलतास, टेकोमा आदि के फूलों को सुखाकर तैयार रंगों एवं आरारोट के मिश्रण से पारम्परिक तरीके से बनाया जाता है। इसमें किसी प्रकार के रासायनिक रंगों का प्रयोग नहीं किए जाने से चर्म रोग होने का कोई खतरा नहीं है एवं ना ही शरीर को नुकसान पहुॅचाती है। हर्बल गुलाल चार प्रकार के रंगों से रंग-ए-गुलाब (लाल गुलाबी), रंग-ए-पलास (केसरिया), रंग-ए-हरियाली (हरा) और रंग-ए-अमलताश (पीला) बनाई जा रही है। हर्बल गुलाल 250 ग्राम की पैकिंग में उपलब्ध है।

इसकी गुणवत्ता एवं स्वास्थ्य की द्रष्टि से उपयुक्त होने के कारण स्थानीय बाजार के अतिरिक्त अन्य संस्थाओं, प्रतिष्ठानों द्वारा इसकी अग्रिम बुकिंग भी कराई जाने लगी है। बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए इस वर्ष लगभग 5 से 6 क्विंटल हर्बल गुलाल बिक्री का लक्ष्य रखा गया है। संभागीय मुख्य वन संरक्षक आर के सिंह ने कल यहां चेतक सर्कल पर हर्बल गुलाल बिक्री केन्द्र का शुभारंभ किया था।

डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।

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