राज एक्सप्रेस। देशभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसके बावजूद भी देश में कोई काम नहीं रुक रहा है सरकार अपने कामों में जुटी है। हर दिन कोई न कोई नई योजना लेकर आरही है। इसी कड़ी में बुधवार को टेक्सटाइल सेक्टर के बड़ा फैसला लिया गया। जो कि, 10,683 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन-लिंक्ड-इन्सेंटिव स्कीम ( PLI Scheme) को मंजूरी दिलाने को लेकर था। अब PLI स्कीम को मंजूरी मिलने से देश में टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने दी PLI स्कीम को दी मंजूरी :
दरअसल, आज बुधवार को सरकार द्वारा टेक्सटाइल सेक्टर के लिए 10,683 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन-लिंक्ड-इन्सेंटिव स्कीम ( PLI स्कीम) को मंजूरी मिल गई है। इस स्कीम को मंजूरी देने को लेकर सरकार ने दावा किया है कि, 'इस स्कीम से देश में टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा।' बताते चलें, सरकार ने इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर और फ्रिज, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर के लिए PLI स्कीम को भी मंजूरी दी थी। वहीं, अब सरकार ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए मंजूरी सहारा घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को रफ्तार देने के मकसद से दी है। इससे देश में कोरोना के बाद रोजगार बढ़ेगा।
सरकार का कहना :
PLI स्कीम को मंजूरी देते हुए सरकार ने कहा कि, 'टेक्सटाइल कंपनियों की लिए इस PLI स्कीम से इस सेक्टर में सीधे 7.5 लाख रोजगार पैदा होंगे। इसके अलावा सहायक गतिविधियोंं में भी कई लाख रोजगार का सृजन होगा। PLI स्कीम के तहत कंपनियों को पांच साल तक इन्सेंटिव का भुगतान किया जाएगा।' बता दें, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई। इसी कैबिनेट बैठकके दौरान टेक्सटाइल सेक्टर के लिए PLI स्कीम को मंजूरी दी गई। इसके तहत मेन मेड फाइबर (MMF), मेन मेड अपैरल, मेन मेड फेब्रिक, गारमेंट और टेक्निकल टेक्सटाइल के दस सेगममेंट या प्रोडक्ट के निर्माण को कवर किया जाएगा।
सरकार का मानना :
सरकार का मानना है कि, 'इस PLI स्कीम से टेक्सटाइल सेक्टर में पांच साल के दौरान 19 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसके जरिये इस सेक्टर का कुल टर्नओवर बढ़ कर 3 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है।' गौरतलब है कि, सरकार ने इस साल बजट पेश करते हुए PLI स्कीम का जिक्र किया था और तब 13 सेक्टरों में PLI स्कीम को मंजूरी देने की बात कही गई थी। बता दें, PLI स्कीम के तहत 2021-22 के लिए सरकार को 1.97 लाख करोड़ रुपये खर्च करने हैं।
13 सेक्टरों के लिए इतने खर्च की योजना :
सरकार द्वारा बजट में कही गई बात के अनुसार, इन 5 सालों के अंदर इस स्कीम के तहत 13 सेक्टरों के लिए 37.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। स्कीम के तहत टियर-3 और टियर-4 शहरों मैन्यूफैक्चरिंग कैपिसिटी बढ़ाने के लिए संयंत्र लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
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