हैदराबाद की बायोलॉजिकल-ई से वैक्सीन खरीदेगी सरकार
हैदराबाद की बायोलॉजिकल-ई से वैक्सीन खरीदेगी सरकार Syed Dabeer Hussain - RE
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वैक्सीन की कमी के चलते हैदराबाद की बायोलॉजिकल-ई से वैक्सीन खरीदेगी सरकार

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में कोरोना के मामलों के साथ ही तेजी से कोरोना वैक्सीन का वैक्सीनेशन भी जारी है। देशभर में कोरोना के साथ ही वैक्सीनेशन का दूसरा चरण भी जारी है। भारत सरकार देशभर में हर तरह से वैक्सीनेशन की मुहिम को और तेज करती नजर आरही है। इसी कड़ी में सरकार ने बिना रजिस्ट्रेशन के भी वैक्सीनेशन करना और विदेशों से भी भारत आने वाली वैक्सीन को बिना ट्रॉयल के मंजूरी तक दी। वहीं, अब सरकार ने हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल-ई से वैक्सीन की खुराक खरदीने का फैसला लिया है।

सरकार खरीदेगी बायोलॉजिकल-ई से वैक्सीन :

दरअसल, देश में जारी वैक्सीनेशन के बीच राज्यों ने हो रही वैक्सीन की किल्लत को देखते हुए सरकार ने वैक्सीन की कमी को दूर करने और राज्यों तक और वैक्सीन पहुंचने के मकसद से हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता बायोलॉजिकल-ई से वैक्सीन की खुराक खरदीने का फैसला लिया है। सरकार इस कंपनी से वैक्सीन की कुल 30 करोड़ डोज खरीदेगी। इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया है कि, सरकार बायोलॉजिकल-ई कंपनी से वैक्सीन की 30 करोड़ डोज खरीदेगी जिसके बदले सरकार कंपनी को 1500 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान :

बताते चलें, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान जारी कर इस मामले की संपूर्ण जानकारी दी है। इस बयान में कहा गया है कि, "इन टीकों की खुराक अगस्त-दिसंबर 2021 से मेसर्स बायोलॉजिकल-ई द्वारा निर्मित और स्टोर की जाएगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 1500 करोड़ रुपये की एडवांस पेमेंट करेगा। मैसर्स बायोलॉजिकल-ई के साथ की गई यह डील भारत सरकार के उस व्यापक प्रयास का हिस्सा है,जिसमें सरकार स्वदेशी वैक्सीन निर्माताओं को अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) में मदद करती है और पैसे देकर प्रोत्साहित करते हैं।"

सरकार ने की कंपनी की मदद :

खबरों की मानें तो, बायोलॉजिकल-ई की कोरोना वैक्सीन एक आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है और यह अपने क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में है, जबकि ये वैक्सीन ट्रॉयल का पहला और दूसरा चरण पास कर चुकी है। बायोलॉजिकल-ई वैक्सीन को प्रीक्लिनिकल स्टेज से लेकर तीसरे चरण के ट्रॉयल में भारत सरकार ने मदद की है। इतना ही नहीं जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने कंपनी को 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय सहायता दी है। साथ ही फरीदाबाद में मौजूद अपने रिसर्च इंस्टीट्यूट ट्रांसलेशन हेल्थ साइंस टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के जरिए रिसर्चर और चुनौतियों में भी बायोलॉजिकल-ई के साथ भागीदारी की है। इनसब के बाद उम्मीद है कि, यह वैक्सीन कुछ महीनों में उपलब्ध हो सकेगी।

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