तकनीकी खराबी के मद्देनजर GST पेमेंट की डेडलाइन बढ़ाने पर किया जा रहा विचार
तकनीकी खराबी के मद्देनजर GST पेमेंट की डेडलाइन बढ़ाने पर किया जा रहा विचार Social Media
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तकनीकी खराबी के मद्देनजर GST पेमेंट की डेडलाइन बढ़ाने पर किया जा रहा विचार

Author : Kavita Singh Rathore

GST payment deadline : देश में कोरोना के चलते लॉकडाउन से भारत की अर्थव्यवस्था काफी हद तक बिगड़ सी गई है। हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था में पहले से काफी ज्यादा सुधार भी आया है। इस बात का अंदाजा सालभर के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन के आंकड़ों से होता है। यह कलेक्शन तब जमा होता है जब ‘टैक्स पेमेंट’ किया जाता है और इसके लिए हर बार एक डेडलाइन जारी की जाती है। वहीं, बीते दिनों सरकार द्वारा गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) पोर्टल पर तकनीकी खराबी को मद्देनजर रखते हुए ‘टैक्स पेमेंट’ की डेडलाइन को आगे बढ़ाने का विचार किया जा रहा है।

डेडलाइन को आगे बढ़ाने का विचार :

दरअसल, पिछले दिनों गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) पोर्टल पर कई दिनों तक तकनीकी खराबी रही। इस खराबी के चलते कई लोग GST का पेमेंट नहीं कर सके। इस बात को ध्यान में रखते हुए अप्रैल, 2022 के लिए ‘टैक्स पेमेंट’ की डेडलाइन में और छूट देने पर विचार किया जा रहा है। इस मामले में केंद्र सरकार ने मंगलवार को इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी इन्फोसिस को पोर्टल पर आ रही दिक्कतों को जल्द दूर करने के आदेश भी दिए है। साथ ही डेडलाइन बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव रखा। वहीं, इस बारे में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने कहा कि, 'इन्फोसिस ने अप्रैल, 2022 के लिए GSTR-2B निकालने और GSTR-3बी के ‘ऑटो-पॉपुलेशन’ में एक तकनीकी गड़बड़ी की सूचना दी है।'

CBIC ने दी जानकारी :

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘‘सरकार ने इन्फोसिस को इस समस्या को जल्द से जल्द ठीक करने का निर्देश दिया है, तकनीकी टीम जल्द से जल्द जीएसटीआर-2बी और जीएसटीआर-3बी ऑटो-पॉपुलेशन को सही करने के लिए काम कर रही है। अप्रैल, 2022 के महीने के लिए करदाताओं को अपना जीएसटीआर-3बी दाखिल करने में आने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए इसे दाखिल करने की नियत तारीख बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है।"

Infosys ने तैयार किया पोर्टल :

जानकारी के लिए बता दें, सरकार द्वारा साल 2015 में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी Infosys की मदद से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) पोर्टल को तैयार किया था। तब से अब तक इसमें आई सभी खराबी भी यही कंपनी देखती है। इसके रखरखाव के लिए 1,380 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था।

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