हरियाणा सरकार ने दी राज्य के लिए Electric Vehicle Policy को मंजूरी
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हरियाणा सरकार ने दी राज्य के लिए Electric Vehicle Policy को मंजूरी

Author : Kavita Singh Rathore

ऑटोमोबाइल। आज दुनियाभर के साथ ही भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज काफी तेजी से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। पिछले कुछ समय में बहुत सी कंपनियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों का रुख किया है। आज देश में लगभग इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियां अपनी-अपनी इलेक्ट्रिक व्हीलर लांच कर चुकी हैं। हाल ही में कई नई स्टार्टअप कंपनियों और कुछ नॉन इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों ने भी अपने इलेक्ट्रिक वाहन लांच किए हैं। इन सब के पीछे एक मुख्य कारण यह भी है कि, सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को काफी बढ़ावा दे रही है। वहीं, इसी कड़ी में अब हरियाणा सरकार ने राज्य के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति (Electric Vehicle Policy) को मंजूरी दे दी है।

हरियाणा सरकार ने दी Electric Vehicle Policy को मंजूरी :

दरअसल, अब पूरे देश की राज्य सरकारें भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देती नज़र आ रही है। पिछले महीनों के दौरान उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने EV को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये थे। वहीं, अब हरियाणा सरकार ने राज्य के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति (Electric Vehicle Policy) को मंजूरी दे कर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को कई फाइनेंशियल इंसेंटिव (वित्तीय प्रोत्साहन) के ऑफर भी दिए है। इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केबिनेट बैठक में चर्चा के बाद स निति को मंजूरी दी है।

निति के तहत सरकार की पेशकश :

बताते चलें, सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में राज्य के कैबिनेट मंत्रियों की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक के बाद इलेक्ट्रिक वाहन नीति (Electric Vehicle Policy) लागू कर दी गई है। इस नीति के तहत राज्य सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता को निश्चित पूंजी निवेश (Fixed Capital Investment- FCI), रोजगार सृजन (Employment Generation), नेट SGST, स्टांप शुल्क (stamp duty) आदि पर फाइनेंशियल इंसेंटिव देंगी। इस प्रकार सरकार आने वाले कुल 20 सालों के लिए बिजली शुल्क में छूट के साथ स्टाम्प शुल्क की 100 प्रतिशत रिइंबर्समेंट (प्रतिपूर्ति) की भी पेशकश कर रही है।

रोजगार सृजन सब्सिडी का वादा :

हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई EV policy 2022 के तहत इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों में काम करने वाले हरियाणा के मूल निवासियों (डोमिसाइल मैनपावर) के एवज में 10 साल के लिए प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 48,000 रुपये की रोजगार सृजन सब्सिडी का देने का वादा भी किया गया है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रयासों में, राज्य 2030 तक अपने बस बेड़े के 100% को इलेक्ट्रिक बसों या ईंधन सेल वाहनों या अन्य गैर-जीवाश्म-ईंधन आधारित प्रौद्योगिकियों में बदलने का भी प्रयास किया जाएगा। गुरुग्राम और फरीदाबाद को मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ईएम) शहर घोषित किया जाएगा।

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