Haryana government gave permission to restart MSME
Haryana government gave permission to restart MSME Syed Dabeer Hussain - RE
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हरियाणा सरकार ने दी MSME को दोबारा शुरुआत करने अनुमति

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। जहां कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के चलते सभी उद्योगों को नुकसान हो रहा है। वहीं, इन सब के बीच हरियाणा की सरकार ने एक खुशखबरी दी है। बता दें, यह खुशखबरी प्रदेश में बंद पड़े सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) की शुरुआत से जुड़ी हुई है। इस बारे में हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जानकारी दी।

उप-मुख्यमंत्री ने बताया :

दरअसल, हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया है कि, "राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते प्रदेश में बंद पड़े सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) को चरणबद्ध तरीके से पुन: संचालित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार अब ऐसे 30800 उद्योगों को एक बार फिर से चलाने की अनुमति प्रदान दे दी गई है। जिससे लगभग 13 लाख 12 हजार 500 कामगार काम पर लौटे हैं।

करना होगा नियमों का पालन :

बता दें, उप-मुख्यमंत्री चौटाला के पास श्रम एवं रोजगार विभाग का प्रभार भी है, इसलिए ही उन्होंने यह भी बताया कि, सरकार ने MSME को 11 मई से शत प्रतिशत अपनी पहले जैसी सामान्य स्थिति की तरह उत्पादन शुरू करने को प्राथमिकता दी है। वहीं, इसके लिए कुछ बातें ध्यान में रखने के निर्देश भी दिए हैं जैसे, सभी कामगारों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतू डाउनलोड करना अनिवार्य होगा साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, लगातार मास्क पहने रहना, हाथों में बार-बार सेनिटाइजेशन का इस्तेमाल और लॉकडाउन के अन्य नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि, इंजीनियरिंग काम वाले उद्योगों को भी जल्द ही शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।

मिलता रहा लॉकडाउन में भी वेतन :

उप-मुख्यमंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, MSME उद्यमी लॉकडाउन अवधि के दौरान अपने श्रमिकों का वेतन देते रहें है। जिसके लिए सरकार ने 20,000 रुपये प्रति श्रमिक की दर से बैंक ऋण के कार्यशील पूंजी पर छह महीने तक ब्याज राशि स्वयं वहन करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक :

प्रदेश के सभी जिलों के लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की बैठक में MSME उद्योगों को फिरसे रास्ते पर लाने के लिए अनेक रियायतें देने के निर्णय लिए गए हैं। जिनमें मुख्य रूप से MSME की बैंकों से सम्बंधित सभी मुद्दों के त्वरित समाधान के लिए वित्त विभाग में एक बैंक शिकायत सूचना केंद्र स्थापित करना, बैंक ऋण के लिए MSME को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक की ओर से दी जाने वाली गारंटी राज्य सरकार द्वारा वहन करना, श्रमिकों के लिए फैक्टरियों के अंदर ही प्री-फैबरिकेटिड आवासों का निर्माण कराना शामिल हैं।

उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि, ऐसे लगभग एक लाख अस्थायी आवासों का निर्माण कराया जाएगा। राज्य की नई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020 आगामी अगस्त माह तक तैयार होने की सम्भावना है। जिसके लिए सभी हितधारकों से सुझाव लिए जाएंगे ताकि हरियाणा देश की सबसे उद्योग मैत्री एवं कारोबार सहूलियत वाली उद्योग नीति बना सकें। उन्होंने कहा कि गत दो महीनों से सरकार को न के बराबर राजस्व प्राप्त हुआ है। राजस्व मुख्य रूप से जीएसटी, आबकारी, स्टैम्प डयूटी, केंद्र सरकार से वैट रिफंड तथा खनन से प्राप्त होता है। अब चरणबद्ध तरीके से उन्हें संचालित किया जा रहा है।

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