ब्यूटी कैटेगरी में, ब्रांडों ने खास तौर पर आयुर्वेदिक उत्पादों (Ayurvedic products) के लिए अधिक मांग दर्ज की है।
ब्यूटी कैटेगरी में, ब्रांडों ने खास तौर पर आयुर्वेदिक उत्पादों (Ayurvedic products) के लिए अधिक मांग दर्ज की है। Neelesh Singh Thakur - RE
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Ayurvedic products:ब्यूटी का नैचुरल टर्न, भारत में बढ़ी आयुर्वेद प्रोडक्ट्स की डिमांड

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स

  • सुंदर दिखने आयुर्वेद पर बढ़ा भरोसा

  • भारत में बढ़ी आयुर्वेद उत्पादों की मांग

  • क्लीन नैचुरल ब्यूटी, फास्टेस्ट ग्रोइंग सब-सेगमेंट

राज एक्सप्रेस। प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ और पेय। टिकाऊ फैशन। प्राकृतिक अवयवों के साथ सौंदर्य उत्पाद। इनके लिए हमेशा पहले से एक बाजार था और अब महामारी संकट ने इसे और बड़ा मार्केट बना दिया है। ब्यूटी कैटेगरी में, ब्रांडों ने खास तौर पर आयुर्वेदिक उत्पादों (Ayurvedic products) के लिए अधिक मांग दर्ज की है।

बिजनेस स्टैंडर्ड से चर्चारत ई-कॉमर्स (e-commerce) प्लेटफॉर्म के प्रवक्ता ने बताया; "पिछले दो वर्षों में, हमने क्लीनर, जैविक (organic) और प्राकृतिक सौंदर्य (natural beauty) की ओर एक बड़े बदलाव के हिस्से के रूप में आयुर्वेद आधारित आयुर्वेदिक उत्पादों के प्रति झुकाव में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है।"

स्पोक्स पर्सन ने बताया कि; इस बदलाव ने प्लेटफॉर्म पर मांग बढ़ाने में सहायता की है और महामारी के दौरान इसमें इजाफा हुआ है, जिसके परिणाम स्वरूप खरीदारी के प्रति उपभोक्ता अधिक जागरूक होकर, प्राकृतिक और प्रभावी सामग्री की तलाश कर रहे हैं।"

अनुसंधान रिपोर्ट -

रिसर्च एंड मार्केट्स (Research and Markets) की वर्ष 2018 की एक रिपोर्ट में भारत में आयुर्वेद उत्पाद (Ayurved products) बाजार 300 अरब रुपये आंका गया है। इसमें उम्मीद जताई गई है कि; यह आयुर्वेदिक मार्केट (Ayurvedic market) साल 2024 तक 710.87 अरब रुपये तक पहुंच जाएगा।

सौंदर्य समाधान की पेशकश -

और जबकि भारत में मांग अधिक बनी हुई है, त्वचा और बालों की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक समाधान की पेशकश के साथ आयुर्वेदिक ब्रांड्स (Ayurvedic brands) की झड़ी लगी हुई है। समग्र ब्यूटी मूवमेंट में भी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स (Ayurvedic products) के लिए वैश्विक स्तर पर रुचि में वृद्धि देखी जा रही है।

आयुर्वेदिक प्राकृतिक सौंदर्य समाधान दादी की रसोई से लेकर फैंसी ट्यूब और बोतलों तक निश्चित रूप से एक लंबा सफर तय कर चुके हैं।

ग्लोबल आयुर्वेदिक मार्केट (Global Ayurvedic Market) -

वैश्विक आयुर्वेदिक बाजार का मूल्य 2017 में $4.5 बिलियन था। साल 2026 तक इसे 16.14 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) पर 14.9 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

मूड को भांपते हुए, फॉरेस्ट एसेंशियल्स ने पिछले साल अक्टूबर में यूके के ई-टेलर लुकफैंटास्टिक के लॉन्च के साथ अंतर राष्ट्रीय बाजार में कदम रखा।

भारत के 29 शहरों में 100 से अधिक स्टैंडअलोन स्टोर नेटवर्क फॉरेस्ट एसेंशियल के कार्यकारी निदेशक समरथ बेदी के मुताबिक; "(द) यूके हमारे सबसे बड़े बाजारों में से एक है जहां उपभोक्ताओं को पहले से ही आयुर्वेद का महत्वपूर्ण ज्ञान है और इसके दर्शन और इसके लिए व्यापक खरीदारी है।"

यूके में भौतिक खुदरा उपस्थिति स्थापित करने के अलावा, पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी कंपनी विस्तार करने की योजना बना रही है।

2002 में लॉन्च्ड एक और घरेलू लक्ज़री ब्यूटी ब्रांड कामा आयुर्वेद (Kama Ayurveda), ने भी महामारी (pandemic) के दौरान बिक्री में वृद्धि दर्ज की।

“हम मुख्य रूप से एक ऑफलाइन ब्रांड थे, लेकिन महामारी के कारण हमें ऑनलाइन उपस्थिति बनानी पड़ी।”
विवेक साहनी, सह-संस्थापक, कामा आयुर्वेद

उन्होंने आगे कहा, "इन दो वर्षों ने ब्रांड की दृश्यता में सहायता की है और हमें एक नया और युवा ग्राहक आधार दिया है। हमारी लगभग 30 प्रतिशत ऑनलाइन बिक्री महामारी के पहले थी; अब यह लगभग 75 प्रतिशत है।"

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मानवीय धारणा -

2019 में, कामा आयुर्वेद (Kama Ayurveda) में स्पेनिश फैशन और सुगंध कंपनी पुइग (Puig) ने 100 करोड़ रुपये (14.4 मिलियन डॉलर) का निवेश किया था।

सिर्फ 10 उत्पादों के साथ लॉन्च कंपनी का अनुभव कहता है कि, लोग मुख्य रूप से त्वचा और बाल के प्रति सतर्क हैं। यदि उपयोगकर्ता इस मामले में एक बार इस बात से संतुष्ट हो जाए कि उत्पाद उसके बालों और त्वचा पर कारगर है तो वह उसे कभी बदलना नहीं चाहता।

कंपनी की मंशा अब छोटे शहरों में और अधिक स्टोर शुरू करने की है। इसके बाद उसका रुख देश के बाहर के बाजारों में होगा।

जड़ी-बूटियों की अहमियत -

वेदिक्स ने ग्राहकों के जवाब के बाद 49 जड़ी-बूटियों का उपयोग करके बनाए गए उत्पादों के कम से कम 40 संयोजनों की पेशकश की है। वेदिक्स की गहन प्रश्नावली में बालों और खोपड़ी की बनावट जैसे विवरणों के अलावा, भूख, शरीर के फ्रेम और यहां तक ​​कि उत्तरदाता लोगों को कितना पसीना आता है जैसे सवालों का विवरण था।

वेदिक्स की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी दिखी है, कंपनी के मुताबिक इसके ग्राहकों की संख्या 12 लाख है और ऑर्डर में रिपीट रेट 50 फीसदी है। कंपनी अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिये यूएस और वेस्ट एशिया में भी आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स का परचम लहराना चाहती है।

क्लीन नैचुरल ब्यूटी अब ब्यूटी कैटेगरी में फास्टेस्ट ग्रोइंग सब-सेगमेंट बन चुकी है। मुख्य रूप से त्वचा और बाल के प्रति सतर्क लोगों का रुझान आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स (Ayurvedic products) की ओर बढ़ रहा है।

ई-कॉमर्स दिग्गज का अपना ब्रांड, नायका नेचुरल्स, प्राकृतिक रूप से व्युत्पन्न सामग्री का उपयोग करके कोल्ड प्रेस्ड ऑयल से लेकर क्ले मास्क तक कई उत्पाद पेश करता है।

समग्र दृष्टि में बदलाव -

महामारी की शुरुआत के बाद से, जीवन जीने के अधिक प्राकृतिक और टिकाऊ तरीकों के लिए समग्र दृष्टि में बदलाव आया है। लोगों की चेतना में जागे प्रकृति के प्रति प्रेम के कारण भी लोग पारंपरिक जड़ों की ओर लौटे हैं।

प्रकृति प्रदत्त साधनों से जीवन संवर्धन आधारित आयुर्वेदिक समाधानों में लोगों की रुचि बढ़ने से निश्चित रूप से हाल के वर्षों में आयुर्वेदिक उत्पाद की बिक्री और वृद्धि में बढ़त देखने को मिली है।

आयुर्वेद से जुड़े नैचुरल आयुर्वेदिक इंस्टेंट ब्यूटी टिप्स दादी की रसोई वाले नुस्खों से लेकर प्रचार-प्रसार के बाद दुकानों से विक्रय तक की यात्रा में निश्चित रूप से एक लंबा सफर तय कर चुके हैं।

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डिस्क्लेमर बिजनेस स्टैंडर्ड के लिए अक्षरा श्रीवास्तव के लेख पर आधारित; आर्टिकल में शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त जानकारी जोड़ी गई हैं। इसमें प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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