Moderna के सिंगल-डोज COVID-19 बूस्टर वैक्सीन करार के नजदीक है Cipla.
Moderna के सिंगल-डोज COVID-19 बूस्टर वैक्सीन करार के नजदीक है Cipla. Social Media
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सिप्ला ने मॉडेर्ना की सिंगल-डोज बूस्टर वैक्सीन के लिए सरकार से मांगी यह मदद

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स –

  • Moderna से करार के नजदीक Cipla

  • सरकार से मांगा क्षतिपूर्ति का आश्वासन

  • सिंगल-डोज COVID-19 बूस्टर वैक्सीन पर चर्चा

राज एक्सप्रेस। भारत में मॉडेर्ना की सिंगल-डोज (Moderna's single-dose) COVID-19 बूस्टर वैक्सीन को जल्द लाने के लिए फास्ट-ट्रैक मंजूरी की मांग करते हुए, सिप्ला ने सरकार से क्षतिपूर्ति, मूल्य कैपिंग, ब्रिजिंग ट्रायल और बुनियादी सीमा शुल्क में छूट का अनुरोध किया है।

सूत्र आधारित खबरों के अनुसार सिप्ला (Cipla); अमेरिकी प्रमुख को अग्रिम के रूप में 1 बिलियन अमेरिकी डालर से अधिक देने की प्रतिबद्धता के बहुत करीब है।

सिप्ला का कहना -

सिप्ला ने COVID-19 के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा प्राप्त करने के लिए देश में वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयासों के लिए सरकार की सराहना की।

भारतीय फार्मा दिग्गज (Cipla) ने कहा है कि कोविड-19 (COVID-19) बूस्टर वैक्सीन पर मॉडेर्ना (Moderna) के साथ उसकी चर्चा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए, वे "इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकार की भागीदारी और समर्थन" की मांग कर रहे हैं।

इसलिए मांगी मदद -

इस एग्रीमेंट प्रोसेस डेवलपमेंट से जुड़े सूत्रों पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार सिप्ला ने सरकार से चार महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पुष्टि प्रदान करने का अनुरोध किया है। ये चार बिंदु; मूल्य प्रतिबंध से छूट, क्षतिपूर्ति, ब्रिजिंग ट्रायल छूट और बुनियादी सीमा शुल्क छूट हैं।

सिप्ला (Cipla) ने कहा है कि इस तरह के आश्वासन से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (7,250 करोड़ रुपये से अधिक) से अधिक की इस महत्वपूर्ण वित्तीय प्रतिबद्धता को पूरा करने में मदद मिलेगी।

सिंगल डोज वैक्सीन -

सरकार के साथ सिप्ला का ताजा संवाद, हाल ही में 29 मई को हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद हुआ। बैठक में चर्चा हुई कि मॉडेर्ना ने भारतीय बाजार के लिए एकल-खुराक वैक्सीन लॉन्च करने का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए वो सिप्ला व अन्य भारतीय कंपनियों से चर्चारत थी।

बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि 2022 में वैक्सीन की आपूर्ति के आदेश मॉडेर्ना को शीघ्रता से दिए जा सकते हैं और सिप्ला ने वर्ष 2022 के लिए मॉडेर्ना से 50 मिलियन खुराक खरीदने में रुचि दिखाई है।

कंपनी ने लिखा -

विषय पर आगे बढ़ते हुए सिप्ला ने अब सरकार को लिखा है, "यह अनिवार्य है कि सिप्ला भारत में तत्काल मॉडेर्ना बूस्टर टीके लाए, जिसने भारतीय दवा कंपनियों के बीच COVID-19 दवाओं का सबसे बड़ा पोर्टफोलियो तुरंत उपलब्ध कराया, जिसमें कैसिरिविमैब और इमदेविमाब (Casirivimab and Imdevimab) के अत्याधुनिक एंटीबॉडी कॉकटेल शामिल हैं।"

गाये मॉडेर्ना के गुण -

सिप्ला ने सरकार के समक्ष मॉडेर्ना के गुण गाते हुए सरकार से आश्वासन मांगा है। सिप्ला के मुताबिक मॉडेर्ना के COVID-19 वैक्सीन को कम से कम साइड इफेक्ट के साथ उच्चतम प्रभावकारिता पर रेट किया गया है। इसके अलावा अमेरिकी कंपनी किशोरों और बाल रोग से सुरक्षा के लिए बूस्टर और टीके बनाने में भी नेतृत्व कर रही है।

सिप्ला ने सरकार से कहा है कि उसे अप्रैल में घोषित उदारीकृत मूल्य निर्धारण और त्वरित राष्ट्रीय COVID-19 टीकाकरण रणनीति के तहत मॉडेर्ना बूस्टर वैक्सीन को शामिल करने के लिए सरकार से आश्वासन की आवश्यकता है।

आबादी की जरूरत –

मूल्य प्रतिबंध से छूट की मांग करते हुए, सिप्ला ने कहा, "जनसंख्या के आकार को देखते हुए हमें बूस्टर के साथ टीकाकरण करने की आवश्यकता है, यह हमारा दृढ़ विश्वास है कि सरकारी और निजी खिलाड़ी टीकाकरण कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं, जो सार्वजनिक हित में सर्वोत्तम सेवा प्रदान करता है।"

प्राइज़ कैपिंग की शर्त -

कंपनी ने आगे सरकार से इस आश्वासन के लिए अनुरोध किया है कि निजी अस्पतालों के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले आयातित टीकों के लिए कोई मूल्य कैपिंग लागू नहीं होगी। साथ ही बूस्टर वैक्सीन को उदार मूल्य निर्धारण नीति के तहत कवर किया जा सकता है और किसी भी मूल्य सीमा से मुक्त रखा जा सकता है।

मांगी क्षतिपूर्ति -

सिप्ला ने मॉडेर्ना वैक्सीन के कारण होने वाले किसी भी प्रतिकूल प्रभाव या जटिलताओं के मामले में भी क्षतिपूर्ति की मांग की है। कंपनी ने यूएस के CICP और यूके, कनाडा, ईयू, सिंगापुर में इसी तरह के क्षतिपूर्ति कार्यक्रम और यहां तक ​​कि WHO के नेतृत्व वाली Covax का भी हवाला दिया है।

आपको बता दें, ये कार्यक्रम वैक्सीन निर्माताओं/वितरकों को दावों से बचाते हैं और मुआवजे के बोझ को कम करते हैं।

एक आग्रह यह भी -

बुनियादी सीमा शुल्क छूट पर, सिप्ला ने कहा कि वह COVID-19 टीकों के आयात पर बुनियादी सीमा शुल्क में छूट देने के सरकार के इरादे की सराहना करती है और उसने इसे पूरे 2022 तक बढ़ाने का आग्रह किया है।

क्षतिपूर्ति और ब्रिजिंग परीक्षणों (bridging trials) से छूट के लिए इसी तरह के अनुरोध एक अन्य अमेरिकी प्रमुख फाइजर (Pfizer) द्वारा भी किए गए हैं।

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