HSBC Bank Retrenched 35,000 Employees
HSBC Bank Retrenched 35,000 Employees Kavita Singh Rathore -RE
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HSBC दिखाएगा 35,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता

Author : Kavita Singh Rathore

हाइलाइट्स :

  • HSBC बैंक दिखाएगा 35,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता

  • कोरोना वायरस के चलते आ रही है गिरावट

  • HSBC बैंक करेगा कारोबार का तर्कसंगत पुनर्गठन

  • पिछले तीन सालो में बैंक के मुनाफे में लगातार गिरावट आई

राज एक्सप्रेस। दुनिया भर में फेल रहे कोरोना वायरस का प्रकोप इतना अधिक बढ़ गया है कि, अब इसकी चपेट में HSBC बैंक के कर्मचारी नजर आ रहे हैं। दरअसल, कोरोना वायरस और अन्य कारणों के चलते आ रही गिरावट को देखते हुए दुनियाभर में बैंकिंग सेवाएं प्रदान देने वाले बैंक हांगकांग शंघाई बैंकिंग कॉरपोरेशन (HSBC) ने बीते दिन अपने कारोबार का तर्कसंगत पुनर्गठन करने का फैसला ले लिया है। जिसके तहत बैंक 35,000 कर्मचारियों को छंटनी कर बाहर का रास्ता दिखाएगी।

गिरावट के चलते लिया फैसला :

एक तरफ पिछले तीन सालों में बैंक के मुनाफे में लगातार गिरावट आई है। वहीं, दूसरी तरफ कोरोना वायरस के चलते कई देशों की अर्थव्यवस्था गड़बड़ाती नजर आ रही है। ऐसे में बैंको के पास अन्य कोई रास्ता नहीं बचता है। बैंक ने बताया कि, उसने भी यह फैसला गिरावट को देखते हुए ही लिया है अब वह अपने बैंक के कारोबार का दायरा घटाने पर विचार कर रही है।

HSBC बैंक ने बताया :

HSBC ने बताया कि, बैंक को गिरावट के चलते ही अपने यूरोप और अमेरिका के कारोबार का दायरा भी घटना पड़ेगा और बैंक जल्द ही यह दायरा घटा देगा। वहीं, अमेरिका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वार, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर आने और चीन में फेल रहे कोरोना वायरस जैसी समस्याओं के चलते बैंक को कई तरह के बदलावों और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन हालातों में बैंक को अपनी परिचालन लागत को कम करने पर ध्यान देना पड़ेगा।

कुल कर्मचारी :

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में HSBC बैंक में कुल कर्मचारियों की संख्या 2,35,000 है जिसे बैंक अगले तीन साल में घटा कर 2,00,000 कर्मचारी करने का विचार कर रही है। हालांकि, इस बारे में कोई भी जानकारी स्पष्ट तौर पर प्राप्त नहीं हुई है। इन सबके बीच भी यदि एक नजर चीन के बैंक के एशियाई कारोबार पर डालें तो वो, अच्छा ही चलता नजर आ रहा है। इसका मुख्य कारण चीन की बेहतर मौजूदगी है। इसी की तुलना में यदि अमेरिका और यूरोप के कारोबार पर नजर डालें तो यहां प्रदर्शन की स्थिति काफी निराशाजनक नजर आती है।

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