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जीएसटी परिषद की बैठक में मोलेसेज पर जीएसटी दर 28 से 5 फीसदी की गई, किसानों को होगा लाभ

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया मोलेसेज या शीरे का रेट घटाया, ताकि गन्ना मिलों को हो लाभ

  • गन्ना मिलों को ज्यादा पैसा बचेगा तो गन्ना किसानों को समय से किया जा सकेगा बकाया भुगतान

राज एक्सप्रेस। जीएसटी काउंसिल ने अपनी 52वीं बैठक में मोलेसेज या गुड़/शीरा/खांड़/राब पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में नतीजों की घोषणा करते हुए बताया कि मोलेसेज पर जीएसटी को कम करके 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। उम्मीद है कि इस निर्णय से गन्ना किसानों को फायदा होगा। मिलों व अन्य संबंधित लोगों के हाथों में ज्यादा पैसा बचने से गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान जल्द निपटाने में मदद मिलेगी।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल का मानना है कि इस फैसले से जानवरों का चारा बनाने की लागत में कमी आएगी। मोलेसेज का प्रयोग शराब बनाने में भी किया जाता है। जीएसटी काउंसिल ने अपनी बैठक में यह भी फैसला किया कि ह्यूमन कंज्प्शन के लिए तैयार किए गए एक्स्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल यानी ईएऩए को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जाएगा।

​इसकी बिक्री पर टैक्स लगाने का अधिकार काउंसिल ने राज्यों को दे दिया है, लेकिन औद्योगिक प्रयोग के मामले में ईएनए पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। एक्स्ट्रा न्यूट्रल एल्कोहल, शराब तैयार करने के लिए एक कच्चा माल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय सुनाया है कि 101वें संवैधानिक संशोधन के बाद राज्यों का ईएनए की बिक्री पर टैक्स लगाने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए नियमानुसार जीएसटी काउंसिल के पास ईएनए पर टैक्स लगाने का अधिकार नहीं है।

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