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कल से शुरू हो रहे हफ्ते में शेयर बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकती हैं ये बातें, सावधानी से करें निवेश

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस । पिछले हफ्ते बीएसई और एनएसई बेंचमार्क इंडेक्स 2 जून को सपाट बंद हुए। शुक्रवार को निफ्टी 18534 पर और सेंसेक्स 62547 पर बंद हुए थे। साप्ताहिक आधार पर देखें तो निफ्टी में 0.19 फीसदी की और सेंसेक्स केवल 0.07 फीसदी की बढ़त देखने को मिली थी। अलग-अलग सेक्टर पर नजर डालें तो पिछले हफ्ते निफ्टी रियल्टी में 3.8 फीसदी की, निफ्टी मीडिया में 3.3 फीसदी और निफ्टी ऑटो में 1.8 फीसदी की बढ़त देखने को मिली ती। जबकि निफ्टी एनर्जी 1.9 फीसदी और निफ्टी बैंक 0.3 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए थे। मिडकैप स्पेस में बड़ा एक्शन देखने को मिला था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स साप्ताहिक आधार पर 1.6 फीसदी की तेजी के साथ 34006.55 की रिकॉर्ड ऊंचाई पर क्लोज हुआ था। इस सप्ताह इन वजहों से प्रभावित होगा बाजार।

इन बातों पर निर्भर करेगी शेयर बाजार की चाल

अमेरिकी ऋण सीमा की चिंता पीछे छूटने के साथ अब 5 जून से शुरू होने वाले हफ्ते में भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की मौद्रिक नीति पर बाजार की नजरें रहेंगी। विश्लेषकों का मानना है कि जब तक निफ्टी 18315 से ऊपर रहता है, तब तक तेजड़ियों का पलड़ा भारी रह सकता है।

1. आरबीआई एमपीसी का फैसला

अप्रैल में महंगाई में आई कमी और जनवरी-मार्च के जीडीपी में बढ़त को देखते हुए जानकारों का मानना है कि 6 जून से शुरू होने वाली आरबीआई की पॉलिसी मीट में ब्याज दरों पर यथास्थिति बरकरार रखने का फैसला लिया जाएगा। तीन दिवसीय पॉलीसी मीट का फैसला 9 जून को आएगा। जानकारों का कहना है कि आरबीआई अभी दरों में कटौती नहीं करेगा। पालिसी मीट पर लोगों की नजरें रहेंगी।

2. कच्चे तेल की कीमतें

2 जून को अमेरिकी कांग्रेस द्वारा ऋण सीमा डील पारित करने के बाद तेल की कीमतों में 2 फीसदी से ज्यादा की बढ़त हुई है। सभी की निगाहें अब सप्ताहांत में पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगियों की बैठक पर टिकी हैं। इस सप्ताह क्रूड के दोनों कॉन्ट्रैक्ट लगभग 1 फीसदी नीचे थे। ये तीन सप्ताह में आई पहली गिरावट थी। ब्रेंट फ्यूचर्स 76.13 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 71.74 डॉलर पर बंद हुआ था।

3. एफआईआई और डीआईआई का निवेश

बीते हफ्ते कैश सेगमेंट में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 6519.7 करोड़ की खरीदारी की है। इसमें एमएससीआई की रिबैलेसिंग का अहम योगदान रहा। वास्तव में विदेशी संस्थागत निवेशोकों ने पूरे मई माह में काफी अच्छी खरीदारी की है। इस अवधि में उन्होंने भारतीय इक्व्टी बाजार में 43838 करोड़ की खरीदारी की है। मई महीने में भारत में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने काफी अच्छी खरादारी की। जबकि एफआईआई ने चीन में बिकावली की। जून में भारत में एफपीआई का ओर से अच्छी खरीदारी की उम्मीद है। पिछले हफ्ते के दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भारतीय इक्विटी मार्केट में 1045 करोड़ रुपए की बिकावाली की है। ऐसे में यह देखना रुचिकर होगा कि क्या घरेलू फंडों की बिकवाली और बढ़ेगी।

4. मानसून की प्रगति

इस सप्ताह के शुरुआत में मानसून के पहुचने की संभावना है। ऐसे में 5 जून से शुरू होने वाले हफ्ते में ग्रामीण और एग्रीसेक्टर से जुड़े स्टॉक फोकस में रहेंगे। मौसम विभाग के मुताबिक, देश के उत्तर पश्चिम के इलाके को छोड़कर इस मानसून में भारत में सामान्य बारिश की संभावना है। बारिश में देरी या कमी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगी और खपत वाले शेयरों के लिए बुरी खबर होगी।

5. अहम घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी नजर

मई महीने के एसएंडपी ग्लोबल कंपोजिट पीएमआई और एसएंडपी ग्लोबल सर्विसेज पीएमआई के आंकड़ें 5 जून को जारी होने वाले हैं। अप्रैल में, भारत के सेवा क्षेत्र का परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मार्च के 57.8 से बढ़कर 62.0 पर रहा था। निवेशक की नजर इस बात पर रहेगी कि क्या मई में यह गति जारी रहेगी या नहीं। बाद में इसी हफ्ते 9 जून को भारतीय रिजर्व बैंक 2 जून को समाप्त सप्ताह के लिए विदेशी मुद्रा भंडार डेटा जारी करेगा, इस पर भी बाजार की नजर रहेगी।

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