राज एक्सप्रेस। अब तक हम यही सुनते आ रहे थे कि भारत अपनी जरूरत का तेल दूसरे देशों से आयात करता है। हालांकि यह सच है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत यूरोपीय देशों को तेल भी बेच रहा है? खास बात यह है कि यूरोपीय देशों को तेल बेचने के मामले में भारत ने दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक देशों में से एक सऊदी अरब को भी पीछे छोड़ दिया है। भारत रोजाना 3.60 लाख बैरल तेल यूरोप को बेच रहा है। तो चलिए जानते हैं कि यह सब कैसे हुआ?
दरअसल पिछले साल फरवरी में रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हो गई। इसके चलते यूरोप के देशों ने रूस पर कई तरह की पाबंदी लगा दी। तेल के लिए पूरी तरह से रूस पर निर्भर रहे यूरोपीय देशों ने रूस से तेल खरीदना करीब-करीब बंद कर दिया। वहीं दूसरी तरफ भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद रूस से ना सिर्फ तेल खरीदना जारी रखा बल्कि तेल आयात कई गुना बढ़ा दिया।
दरअसल भारत में कई बड़ी कंपनियां हैं, जो ऑयल रिफाइन करने का काम करती हैं। खास बात यह है कि भारत की ऑयल रिफाइन करने की क्षमता घरेलू मांग से भी बहुत ज्यादा है। साथ ही भारत में ऑयल रिफाइन करना अन्य देशों के मुकाबले सस्ता है। इसके अलावा भारत की ऑयल रिजर्व क्षमता एक महीने की ही है। ऐसे में भारत रूस से इतनी ज्यादा मात्रा में जो तेल खरीद रहा है, उसे ही रिफाइन करके यूरोप को बेच रहा है।
दरअसल रूस से तेल खरीद बंद करने के चलते यूरोपीय देशों को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी दूसरे देश की जरूरत थी। ऐसे में भारत ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए यूरोपीय देशों को ऑयल रिफाइन करके बेचना शुरू कर दिया। भारत से संबंध बेहतर होने और रिफाइन सस्ता होने के चलते यूरोपीय देश भारी मात्रा में भारत से तेल खरीद रहे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू होने से पहले भारत रोजाना यूरोपीय देशों को 1.54 लाख बैरल रिफाइन ऑयल बेचता था जो अब 3.60 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया है।
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