Industrial Production Index
Industrial Production Index Kavita Singh Rathore -RE
व्यापार

पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही 'औद्योगिक उत्पादन' की रफ्तार

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत में एक तरफ कोरोना के आंकड़ों का स्तर लगातार बढ़ रहा है। वहीं, दूसरी तरफ बीते महीनों से भारत लागू रहे लॉकडाउन का असर भारत के विभिन्न सेक्टरों पर नजर आ रहा है। देश के औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार अभी भी पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही है। इस बात का अंदाजा सरकार द्वारा जारी किए गए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) से लगाया जा सकता है। हालांकि, अभी सरकार द्वारा मई में लगातार दूसरे महीने औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के पूरे आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक :

दरअसल, देश में लॉकडाउन के कारण आई आर्थिक मंदी के चलते मार्च-अप्रेल की अवधि में औद्योगिक उत्पादन बिलकुल ठप्प रहा। वहीं, अप्रैल से तुलना की जाए तो फिर भी मई में औद्योगिक उत्पादन में 64.92% की बढ़ोतरी हुई है। परंतु यदि यही आंकड़ा पिछले साल की इसी अवधि से तुलना करके देखा जाये तो, ये आंकड़ा 34.71 फीसदी घट गया है। बता दें, शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, मई का IIP ( Industrial Production Index) का आंकड़ा 88.4 पर था। जबकि, अप्रैल में यह 53.6 पर था। बता दें, सरकार ने यह आंकड़े तुलनात्मक आधार पर जारी नहीं किए हैं।

मई 2020 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक :

जारी किए गए ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो उनके अनुसार, मई 2020 में,

  • माइनिंग का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 87.0 रहा।

  • मैन्यूफैक्चरिंग का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 82.4 रहा।

  • बिजली सेक्टर का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 149.6 रहा।

  • प्राइमरी गुड्स का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 105.5 रहा।

  • पूंजीगत सामान का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 37.1 रहा।

  • इंटरमीडियरी सामानों का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 77.6 अंक रहा।

  • इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण सामानों का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 84.1 रहा।

  • कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 42.2 रहा।

  • कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 132.3 रहा।

सरकार का कहना :

दरअसल, सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि, लॉकडाउन के चलते औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के आंकड़ों में पिछले साल की तुलना में काफी अंतर आया है। इसके अलावा जारी किए गए आंकड़े की तुलना पिछले महीने के साथ की ही नहीं जा सकती है। क्योंकि, लॉकडाउन के दौरान मार्च 2020 के आखिरी सप्ताह से लेकर अप्रेल तक लगभग अधिकतर औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद ही थे। यही कारण है कि, सभी उत्पादन प्रभावित हुए हैं।

देश अनलॉक होने पर मिली राहत :

बताते चलें, मई में कई शर्तों के साथ देश को अनलॉक किया गया और कुछ छूट मिली। जिसके चलते मैन्यूफैक्चरिंग, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स सेक्टर, इन्फ्रास्ट्रक्चर, कंस्ट्रक्शन गुड्स के उत्पादन में सुधार देखा गया। बता दें, अप्रैल माह में इन सभी के उत्पादन में 84.7% की गिरावट दर्ज की गई थी, जबकि मई में यही आंकड़ा और अधिक घट कर 42% हो गया।

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