IIP : अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन में 3.6 फीसदी की बढ़त दर्ज
IIP : अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन में 3.6 फीसदी की बढ़त दर्ज सांकेतिक चित्र
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IIP : अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन में 3.6 फीसदी की बढ़त दर्ज

Author : राज एक्सप्रेस

राज एक्सप्रेस। देश में औद्योगिक उत्पादन में अक्टूबर महीने में 3.6 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। यह जानकारी सांख्यिकीय एवं प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन मंत्रालय की ओर से दी गई है। अक्टूबर 2019 में इसमें 6.6 फीसदी की गिरावट आई थी। इसने सभी अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है। फरवरी में इसमें 5.2 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। अगस्त में इसमें 7.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। पर यह लगातार दूसरा महीना है, जब फैक्टरी आउटपुट डाटा सकारात्मक रहा है। इससे पहले लगातार छह महीने तक इसमें गिरावट दर्ज की गई थी। अक्टूबर महीने में ज्यादातर सेक्टर्स ने ग्रोथ दिखाई है। इसमें मैन्युफैक्चरिंग और कंज्यूमर ड्यूरेबल भी हैं। वित्त वर्ष 2020-21 अप्रैल से अक्टूबर के दौरान इंडस्ट्रियल ग्रोथ में 17.5 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में इसमें 0.1 फीसदी की गिरावट आई थी। आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग, बिजली के उत्पादन जैसे सेक्टर्स में क्रमश: 3.5 फीसदी एवं 11.2 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली। हालांकि, खनन क्षेत्र में 1.5 फीसदी की कमी देखने को मिली।

अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर दिखेगा :

लॉकडाउन में राहत और त्यौहारी सीजन में मांग बढ़ने से आईआईपी पर पॉजिटिव असर दिखा है। रिजर्व बैंक ने पहले ही यह संकेत दिया था कि यहां से सभी चीजें अच्छी होंगी। आगे चलकर आईआईपी का असर अर्थव्यवस्था पर दिखेगा जिससे जीडीपी में बढ़त दिखेगी। आईआईपी में सकारात्मक ग्रोथ इसलिए आई क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिसिटी, इंफ्रा, कंज्यूमर ड्यूरेबल और नॉन ड्यूरेबल कंपोनेंट में त्यौहारी सीजन में मजबूत मांग दिखी है।

आईआईपी क्या है :

जैसा कि नाम से ही जाहिर है, उद्योगों के उत्पादन के आंकड़े को औद्योगिक उत्पादन कहते हैं। मूलत: इसमें तीन बड़े सेक्टर शामिल किए जाते हैं। पहला है मैन्युफैक्चरिंग। यानी उद्योगों में जो बनता है, जैसे गाड़ी, कपड़ा, स्टील, सीमेंट जैसी चीजें। दूसरा है खनन, जिससे निकलता है कोयला और खनिज। तीसरा है यूटिलिटिज यानी जन सामान्य के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे सड़कें, बांध और पुल। ये सब मिलकर जितना भी प्रोडक्शन करते हैं, उसे कहते हैं औद्योगिक उत्पादन। औद्योगिक उत्पादन को नापने की इकाई है आईआईपी। यानी कि इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन। इसके नापने का आधार वर्ष है 2011-12। यानी कि 2011-12 की तुलना में इस वक्त उद्योगों के उत्पादन में जितनी तेजी या कमी होती है, उसे कहा जाता है आईआईपी। इस पूरे आईआईपी का 77.63 फीसदी हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से आता है।

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