WhatsApp Policy
WhatsApp Policy Kavita Singh Rathore -RE
व्यापार

कोई जादू नहीं WhatsApp की पॉलिसी है ये

Author : Kavita Singh Rathore

हाइलाइट्स :

  • कई WhatsApp यूजर्स के हुए अकाउंट डिलीट

  • यूजर्स हुए WhatsApp ग्रुप से एग्जिट

  • जनता ने दिखाया ट्वीटर पर गुस्सा

  • जादू नहीं WhatsApp की पॉलिसी है ये

राज एक्सप्रेस। क्या अपने सुना है किसी यूजर का WhatsApp अचानक अपने आप ही बंद हो जाये बिना डिएक्टिवेट या डिलीट करे ? आपको यह पढ़ कर हैरानी हो रही होगी कि, ऐसा कैसे हो सकता है, लेकिन ऐसा हुआ है। दरअसल ऐसा कश्मीर में WhatsApp इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के साथ हुआ है। कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन के चलते कई यूजर्स WhatsApp ग्रुप्स से अपने आप ही बिना यूजर्स की इच्छा के एग्जिट हो गए। इतना ही नहीं खबरें तो ऐसी भी आई हैं कि, यूजर्स के अकाउंट डिलीट भी हो गए हैं।

यूजर्स में है गुस्से का माहौल :

कश्मीर से आई WhatsApp से जुड़ी इस ग्रुप्स एग्जिट और अकाउंट डीलिट की खबरों से यूजर्स में बहुत ही गुस्से का माहौल है और वह अपना गुस्सा स्क्रीनशॉट लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्वीट पर पोस्ट करके जाता रहे हैं। हालांकि ये जो कुछ भी हुआ है, उसका कारण WhatsApp की पॉलिसी है और ऐसा होना स्वाभाविक है। क्योंकि जब कोई यूजर WhatsApp इंस्टाल करता है तब प्रदर्शित हुई सभी टर्म एंड कंडीशंस को एग्री करने का एक ऑप्शन आता है। जिसपर यूजर्स द्वारा क्लिक करने पर ही प्रोसेस आगे बढ़ती है और ज्यादातर यूजर्स उसे बिना पढ़े ही एग्री कर देते हैं और फिर इस तरह घटनाओँ के शिकार होने पर अपना गुस्सा दिखाते हैं।

क्या है WhatsApp पॉलिसी:

जानकारी के लिए बता दें कि, WhatsApp की पॉलिसी के अनुसार, यदि कोई भी यूजर्स अपने WhatsApp अकाउंट को लगातार 120 दिन तक इस्तेमाल नहीं करता है और उसे इनेक्टिव करके रखता है तो उस यूजर का अकाउंट अपने आप ही बंद हो जाता है और ऐसा ही उन कश्मीरी यूजर्स के साथ हुआ था। पिछले 4 महीने में जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन किया गया था, जिससे यूजर्स चाह कर भी WhatsApp का इस्तेमाल नहीं कर सके और इसी के चलते यूजर्स के अकाउंट अपने आप ही बंद हो गए हैं।

प्रवक्ता का कहना :

WhatsApp के एक प्रवक्ता ने यूजर्स को जानकारी देते हुए बताया कि, अगर लगातार 120 दिन तक WhatsApp अकाउंट द्वारा कोई एक्टिविटी नहीं की जाती है तो, यह WhatsApp अकाउंट को एक्सपायर हो जाते हैं और कंपनी स्वयं ही इन्हे बंद कर देती है। कंपनी द्वारा यह कदम सिक्योरिटी और लिमिट डाटा रिटेंशन को बनाए रखने के लिए किया जाता है। इतना ही नहीं प्रवक्ता ने यह भी बताया ऐसा सिर्फ जम्मू-कश्मीर के यूजर्स के साथ नहीं हुआ है, ऐसा किसी भी WhatsApp यूजर्स के साथ हो सकता है, यदि वो अपना WhatsApp अकाउंट इस्तेमाल न करें तो।

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