आईएमएफ क्या है
आईएमएफ क्या है Syed Dabeer Hussain - RE
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जानिए पाकिस्तान जैसे देशों के लिए क्यों इतना जरूरी है IMF? यह कैसे करता है काम?

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। कंगाली से जूझ रहा पाकिस्तान इस समय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ से उम्मीदें लगाए बैठा है। वहीं आईएमएफ 1.1 अरब डॉलर की पहली किस्त जारी करने से पहले पाकिस्तान पर कई शर्ते लगा रहा है। आईएमएफ के इस रवैये पर मंगलवार को पाकिस्तान की सत्ताधारी गठबंधन नेता मरियम नवाज का दर्द छलक उठा। उन्होंने कहा कि आईएमएफ पाकिस्तान से अपने उपनिवेश की तरह बर्ताव कर रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान चाहकर भी आईएमएफ के चंगुल से बाहर नहीं आ पा रहा है। वैसे आपको बता दें कि सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जो आर्थिक संकट के दौरान आईएमएफ के पास कर्ज मांगने पहुंचते हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर आईएमएफ क्या है और यह कैसे काम करता है?

आईएमएफ क्या है?

आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष असल में संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख वित्तीय एजेंसी है। इस कारण इसे दुनिया की सबसे प्रमुख वित्तीय एजेंसियों में से एक माना जाता है। आईएमएफ का मुख्यालय वॉशिंगटन डीसी में है। आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड में प्रत्येक देश को उनके वित्तीय महत्त्व के अनुपात में प्रतिनिधित्व मिलता है। इसके चलते आईएमएफ में शक्तिशाली देशों का वर्चस्व रहता है।

आईएमएफ की स्थापना :

बता दें कि आईएमएफ की स्थापना साल 1944 में संयुक्त राष्ट्र के ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में की गई थी। इस सम्मेलन में 44 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। आगे चलकर इसमें और भी देश शामिल होते गए। वर्तमान में आईएमएफ के सदस्य देशों के संख्या 190 है।

आईएमएफ क्या काम करता है?

आईएमएफ का मकसद अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। आसान भाषा में समझे तो आईएमएफ आर्थिक संकट से जूझ रहे अपने सदस्य देशों को सस्ती दरों पर कर्ज उपलब्ध कराता है, ताकि वह देश आर्थिक संकट से निजात पा सके। साथ ही यह संस्था अपने सदस्य देशों को आर्थिक स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सलाह भी देता है। वहीं वित्तीय क्षेत्र में तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण देने का काम भी आईएमएफ करता है।

आईएमएफ की शर्ते :

यहां सबसे जरूरी बात यह है कि आईएमएफ अपने सदस्य देशों को किसी परियोजना को स्थापित करने के लिए लोन नहीं देता है। बल्कि यह सिर्फ उस देश को आर्थिक संकट से बाहर लाने के लिए लोन देता है। ऐसे में आईएमएफ लोन देने से पहले उस देश की सरकार को आर्थिक संकट से उबारने के लिए कुछ शर्ते भी लगाता है। जैसे सरकार की आय बढ़ाना, खर्चे कम करना, टैक्स कलेक्शन को बढ़ाना आदि। अगर उस देश की सरकार आईएमएफ की शर्तों को मानती है, तभी आईएमएफ लोन जारी करता है।

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