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एलआईसी ने बाटा इंडिया में खरीदे 6.88 लाख अतिरिक्त इक्विटी शेयर, 5 फीसदी से ऊपर निकली कंपनी में हिस्सेदारी

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एलआईसी) ने देश की जानीमानी फुटवियर कंपनी बाटा इंडिया में 6.88 लाख अतिरिक्त इक्विटी शेयर खरीदे है। इस खरीदारी के बाद बाटा इंडिया में एलआईसी की हिस्सेदारी 4.47 फीसदी से बढ़कर 5 फीसदी से थोड़ी ज्यादा हो गई है। माना जा रहा है कि एलआईसी ने इस खरीदारी के माध्यम से बॉटम फिशिंग करने की कोशिश की है, क्योंकि यह स्टॉक 1380 रुपए पर स्थित अपने 52 वीक लो के करीब ट्रेड़ कर रहा है, जो 20 मार्च 2023 को बना था। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक इस स्टॉक में शॉर्ट टर्म के नजरिए से खरीदारी कर सकते हैं। शॉर्ट टर्म में यह स्टॉक 1455-1530 रुपए का स्तर छू सकता है। इस खरीदारी के लिए 1,375 रुपए पर स्टॉप लॉस लेकर ट्रेड किया जा सकता है। बाटा इंडिया में पिछले एक साल में 29 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं, 2023 में अब तक यह स्टॉक 13 फीसदी टूट गया है। नवंबर 2021 में इसका ऑल टाइम हाई देखने को मिला था। तब से यह स्टाक अपने स्तर से ऊपर नहीं उठ पाया है।

बीमा कंपनी ने खुले बाजार के जरिए की खरीद

एलआईसी ने मार्च में, खुले बाजार लेनदेन के जरिए बाटा इंडिया के 6.88 लाख अतिरिक्त इक्विटी शेयर खरीदे हैं। इस खरीदारी के चलते बाटा इंडिया में एलआईसी की हिस्सेदारी 4.47 फीसदी से बढ़कर 5 फीसदी से कुछ ज्यादा हो गई है। पिछले साल जुलाई और सितंबर के बीच इस स्टॉक ने 1980 रुपये के करीब तीन बार रजिस्टेंस का सामना किया था। इसके बाद इसमें कंसोलीडेशन देखने को मिला। इस दौरान इस स्टॉक ने 1370-1390 रुपए के निचले स्तर को हिट किया। उसके बाद से स्टॉक अपना संभावित बॉटम तलाशने की कोशिश कर रहा है। बाटा इंडिया में पिछले एक साल में 29 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं, 2023 में अब तक यह स्टॉक 13 फीसदी टूट गया है। नवंबर 2021 में इसका ऑल टाइम हाई देखने को मिला था। तब से यह स्टॉक 2100 रुपये के स्तर से ऊपर बंद नहीं हुआ है।

पिछले एक साल में 29 फीसदी की गिरावट

बाटा इंडिया के तीसरी तिमाही के नतीजे भी बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। हालांकि इस अवधि में कंपनी की आय में 7 फीसदी की बढ़त देखनो को मिली है। लेकिन इसकी बिक्री में 22 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले इसके मास सेगमेंट के पोर्टफोलियो पर दबाव देखने को मिला है। इसकी वजह काफी हद तक पिछले साल फुटवियर पर जीएसटी दर में की गई बढ़ोतरी और छोटे शहरों की मांग में सुस्ती रही है। दिसंबर 2022 तक बाटा में म्यूचुअल फंड्स की 22.24 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो फरवरी के अंत में घटकर 20.64 फीसदी रह गई। आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी, कोटक एएमसी और आईडीएफसी म्यूचुअल फंड ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटा दी है। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने तीसरी तिमाही में बाटा के शेयरों की बिक्री की है। सितंबर 2022 के अंत में बाटा इंडिया में एफआईआई-होल्डिंग 7.87 फीसदी से घटकर दिसंबर अंत तक 4.86 फीसदी पर आ गई।

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