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बीएसई पर लिस्टेड PSU कंपनियों का मार्केट कैप 15.8 लाख करोड़ से बढ़कर 50.5 लाख करोड़ हुआ

Aniruddh pratap singh

हाईलाइट्स

  • 2023 में बीएसई के मार्केट कैप में 85 लाख करोड़ की बढ़ोतरी देखने को मिली।

  • 2023 में पीएसयू के मार्केट कैप में सबसे बड़ा योगदान एनटीपीसी ने दिया।

  • 2023 में SBI के मार्केट कैप में 5% से कम वृद्धि, इस साल 25,301 करोड़ बढ़े।

राज एक्सप्रेस। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप में 2023 में लगभग 85 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसमें से 16 लाख करोड़ रुपये या कुल लाभ का लगभग पांचवां हिस्सा, सरकारी स्वामित्व वाली सार्वजनिक सेक्टर की कंपनियों ने अर्जित किया है। व्यापक बाजार में उछाल के अनुरूप 2023 में 65 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का संयुक्त मार्केट कैप 45 फीसदी बढ़ गया है। बीएसई के आंकड़ों से पता चलता है कि इन सार्वजनिक उपक्रमों का मार्केट कैप 15.8 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 50.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

आदित्य बिड़ला समूह के मार्केट कैप में 38% वृद्धि

इसकी तुलना में, निजी क्षेत्र के बड़े व्यावसायिक घरानों में, आदित्य बिड़ला समूह के मार्केट कैप में 38%, टाटा समूह के मार्केट कैप में 32%, बजाज समूह के मार्केट कैप में 23%, रिलायंस इंडस्ट्रीज के मार्केट कैप में 1.6% की बढ़ोतरी देखने को मिली,स जबकि अडाणी समूह की संपत्ति में 29% का क्षरण देखा गया। सरकार के स्वामित्व वाले पीएसयू ऊर्जा, बीमा, बिजली, रेलवे, बैंक, जहाज निर्माण और बंदरगाह जैसे सेक्टर्स में काम करते हैं।

पीएसयू मार्केट कैप में एनटीपीसी का सबसे अधिक योगदान

2023 में पीएसयू के मार्केट कैप में सबसे बड़ा योगदान एनटीपीसी ने दिया। एनटीपीसी ने शेयरधारकों को 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक अमीर बना दिया, जबकि इसका वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 3.1 लाख करोड़ रुपये है। बिजली क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एनटीपीसी एलआईसी के बाद दूसरे स्थान पर रही है, जिसने अपने मार्केट कैप में 93,547 करोड़ रुपये जोड़े है। एनटीपबीसी का मार्केट कैप 5.3 लाख करोड़ रुपये है।

कोल इंडिया के शेयर मूल्य में 67 फीसदी की बढ़ोतरी

कोल इंडिया तीसरे स्थान पर रही, क्योंकि भारत अपने बिजली संयंत्रों और कई अन्य उद्योगों को चलाने के लिए कोयले पर निर्भर है। आंकड़ों से पता चलता है कि कोल इंडिया के शेयर मूल्य में 67 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। कंपनी का मार्केट कैप 93,026 करोड़ रुपये बढ़कर 2.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है। एनटीपीसी में सरकार की हिस्सेदारी 51.1% की है।

सार्वजनिक उपक्रमों में शीर्ष पर है एसबीआई

जबकि एलआईसी में सरकार का हिस्सा 96.5 फीसदी है। बीएसई के सितंबर के अंत तक के शेयरहोल्डिंग डेटा से पता चलता है कि कोल इंडिया में सरकार की हिस्सेदारी 63.1% है। एसबीआई 5.7 लाख करोड़ रुपये मार्केट कैप के साथ सार्वजनिक उपक्रमों में शीर्ष पर है। 2023 में सार्वजनिक क्षेत्र की सभी कंपनियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। लेकिन एसबीआई का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा।

एसबीआई के मार्केट कैप में 25,301 करोड़ की बढ़ोतरी

इस साल सेंसेक्स और निफ्टी में 18-19 फीसदी की बढ़त देखने को मिली हैैैैैैैैैैैैैैैैैैै। और बीएसई के बैंकिंग इंडेक्स में 12 फीसदी की बढ़ोतरी की तुलना में, एसबीआई को साल 2023 में 5 फीसदी से कम फायदा हुआ है। इससे एसबीआई के मार्केट कैप में 25,301 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। एसबीआई ने इस पूरे साल अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, एसबीआई में सरकार की 57.5% हिस्सेदारी है।

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