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गो फर्स्ट की जगह लेने के लिए हैंगर में खड़े 25 विमानों का फिर से परिचालन शुरू करेगी बजट कैरियर स्पाइस जेट

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी गो फर्स्ट दीवालियापन के कगार पर जा पहुंची है। वह फिलहाल अपने विमानों का संचालन करने की स्थिति में नहीं है। विमानन कंपनी ने एनसीएलटी में वालंटरी इन्साल्वेंसी प्रोसीडिंग के लिए आवेदन किया है और 3 से 5 मई के बीच सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। गो फर्स्ट के जाने से जो स्थान खाली हो रहा है, उसका फायदा उठाने के लिए सस्ती हवाई सेवा मुहैया कराने वाली विमानन कंपनी यानी बजट कैरियर स्पाइसजेट ने खास रणनीति बनाई है। सरकारी मदद से इसके 25 विमान फिर आसमान में दिखने लगेंगे। स्पाइस जेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (एमडी) अजय सिंह ने कहा 25 विमानों को फिर से शुरू करने पर आने वाले पीक ट्रैवल सीजन का विमानन कंपनी अधिक से अधिक लाभ उठाया जा सकेगा।

गोफर्स्ट की जगह भरना चाहती है स्पाइस जेट

सस्ती हवाई सेवा मुहैया कराने वाली विमान कंपनी यानी बजट कैरियर स्पाइसजेट ने 400 करोड़ रुपए जुटा लिए है। बाकी के लिए बातचीत कर रही है। स्पाइसजेट की यह कोशिश अपने 25 विमानों को फिर से आसमान दिखाने के लिए है। स्पाइस जेट ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब दिग्गज एयरलाइन कंपनी गोफर्स्ट दिवालिया होने की कगार पर है। इसने दिवालियापन के लिए मंगलवार 2 मई को आवेदन कर दिया है और नगदी संकट के चलते 3 से 5 मई के बीच अपनी सभी उड़ानों को रद्द करने का ऐलान भी कर दिया था। ऐसे में समझा जा रहा है कि गोफर्स्ट के हटने से जो जगह खाली हुई है, स्पाइसजेट उसे भरने की कोशिश में अपने अतिरिक्त विमानों को लाने की कोशिश में जुट गया है। गो फर्स्ट की बाजार हिस्सेदारी अच्छी खासी है। अगर यह विमानन कंपनी बंद होती है, तो इसका स्थान लेने के लिए दूसरी विमान कंपनियां सक्रिय हो गई हैं। इसमें स्पाइस जेट सबसे आगे है। स्पा

इस तरह पैसे जुटाएगी स्पाइस जेट

स्पाइस जेट 25 विमानों के फिर से संचालन शुरू करने के लिए सरकार के इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) और बेहतर कैश अक्रूअल्स के जरिए फंड जुटाएगी। विमान कंपनी ने जो बयान जारी किया है, उसके मुताबिक इसने इन विमानों को फिर से चालू करने के लिए पहले ही 400 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। स्पाइसजेट के चेयरमैन और एमडी अजय सिंह का कहना है कि इससे आने वाले पीक ट्रैवल सीजन का अधिक से अधिक फायदा कंपनी उठा सकेगी। भारी वित्तीय संकट से घिरी वाडिया समूह की विमानन कंपनी गो फर्स्ट ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के पास दिवाला प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है। इस आवेदन के ठीक पहले कंपनी ने भारी नगदी संकट के चलते 3 और 4 मई की सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है। गोफर्स्ट के सीईओ कौशिश खोना के मुताबिक एनसीएलटी में आवेदन स्वीकार होने के बाद उड़ानें फिर से शुरू हो जाएंगी। गोफर्स्ट के मुताबिक प्रैट एंड व्हिटनी इंजन की सप्लाई नहीं कर रही है और इंजनों की मरम्मतों के साथ कलपुर्जे भी नहीं मिल पा रहे हैं, जिसके चलते दिक्कत आई है।

गो फर्स्ट की बाजार हिस्सेदारी 7.8 प्रतिशत

गो फर्स्ट ने बताया प्रमोटरों की तरफ से एयरलाइन में अबतक 6,500 करोड़ रुपये पूंजी डाली गई है। इसमें से 2,400 करोड़ रुपये पिछले 24 महीनों में लगाए गए। अकेले अप्रैल 2023 में ही प्रमोटर ग्रुप ने 290 करोड़ रुपये इस एयरलाइन में लगाए हैं, लेकिन कंपनी किसी न किसी वजह से लगातार घाटे में चल रही है। गो फर्स्ट 17 साल से अधिक से परिचालन कर रही है। चालू साल की पहली तिमाही में इसने घरेलू मार्गों पर 29.11 लाख लोगों को यात्रा कराई है। इस दौरान गो फर्स्ट की बाजार हिस्सेदारी 7.8 प्रतिशत रही। गो फर्स्ट को देश के कई बड़े बैंकों ने कर्ज दे रखा है। इनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक, एक्सिस बैंक, डच बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। एयरलाइन पर इन बैंकों का 6521 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। एयरलाइन कंपनी के दिवालिया होने की आशंका से बुधवार को इनमें से ज्यादातर बैंकों के शेयर गिर गए।

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