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हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद आई गिरावट में अडाणी की 10 में से 8 कंपनियों में बढ़ी रिटेल इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी

Aniruddh pratap singh

राज एक्सप्रेस। अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडाणी समूह के बारे में एक निगेटिव रिपोर्ट जारी करने के बाद अडाणी समूह की शेयर बाजार में लिस्टेड सभी 10 कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आ गई थी। इस बिकवाली का फायदा उठाते हुए रिटेल इनवेस्टर्स ने अडाणी समूह के शेयरों में भारी खरीदारी की। मार्च तिमाही में अडाणी समूह की 10 लिस्टेड कंपनियों में से 8 में रिटेल इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी बढ़ गई है। इनमें ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज भी शामिल है। शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि इनमें से कई कंपनियोंं के शेयर मल्टी बैगर बन सकते हैं।

अहम सेक्टर्स में काम कर रहा है अडाणी समूह

ग्रुप को दो कंपनियों एससीसी सीमेंट्स और अडाणी पावर लिमिटेड का शेयरहोल्डिंग डेटा फिलहाल बीएसई पर उपलब्ध नहीं है। सोमवार को ग्रुप के सभी शेयर तेजी के साथ बंद हुए थे और मंगलवार को भी अधिकांश शेयरों में तेजी देखी जा रही है। अडाणी ग्रुप का कारोबार कई क्षेत्रों में फैला हुआ है। और महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन सेक्टर्स में वह काम कर रहे हैं वे सभी प्रामिसिंग सेक्टर हैं और उनमें तेजी की धारणा आगे भी बनी रहने वाली है। यही वजह है कि निवेशक की अडाणी समूह की कंपनियों के प्रति धारणा मजबूत बनी हुई है।

समूह की कंपनियों में लगातर बढ़ रहा निवेश

रेगुलेटरी फाइलिंग्स के मुताबिक अडानी एंटरप्राइजेज में रिटेल शेयरहोल्डिंग दिसंबर के अंत में 1.86 फीसदी थी, जो मार्च के अंत में बढ़कर 3.41 फीसदी हो गई है। इसी प्रकार अडाणी पोर्ट्स में यह 2.86 फीसदी से बढ़कर 4.1 फीसदी, अडानी ग्रीन एनर्जी में 1.06 फीसदी से बढ़कर 2.33 फीसदी, अडाणी ट्रांसमिशन में 0.77 परसेंट से बढ़कर 1.36 फीसदी पहुंच गई है। दिसंबर के अंत में अडाणी विल्मर में रिटेल शेयरहोल्डिंग 8.94 फीसदी थी जो मार्च के आखिर तक 9.49 फीसदी हो गई है। इसी तरह अडाणी टोटल गैस में यह 1.55 फीसदी से बढ़कर 2.39 फीसदी, एनडीटीवी में 14.11 फीसदी से 17.54 फीसदी और अंबुजा सीमेंट्स में 5.52 फीसदी से बढ़कर 7.23 फीसदी हो गई है।

मल्टीबैगर बन सकते हैं कई शेयर

हिंडनबर्ग रिसर्च के रिपोर्ट में अडाणी समूह पर शेयरों की कीमत के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए गए थे। अडाणी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया था, लेकिन इससे ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। निवेशकों और क्रेडिटर्स का भरोसा जीतने के लिए अडाणी ग्रुप ने कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेची थी और निवेश जुटाने के लिए विदेशों में कई रोड शो आयोजित किए थे। फरवरी में राजीव जैन की कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स इंक ने अडानी ग्रुप की चार कंपनियों में निवेश किया था। इससे ग्रुप की कंपनियों में रिटेल इनवेस्टर्स समेत सभी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। जैन का कहना है कि इनमें से अडाणी समूह की कई कंपनियों के शेयर मल्टीबैगर हो सकते हैं।

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