हाइलाइट्स :
मेहुल चोकसी PNB घोटाले में था नीरव मोदी के साथ शामिल
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी हैं मुख्य आरोपी
चोकसी द्वारा कोर्ट में याचिका दायर की गई
PMLA कोर्ट द्वारा रद्द कर दी गई याचिका
भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने को लेकर चल रहा है केस
राज एक्सप्रेस। नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने सांठ-गांठ से पंजाब नेशनल बैंक (PNB) जैसे बड़े घोटाले को अंजाम दिया था। यह दोनों ही इस घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। इनमें से नीरव मोदी पर लंदन कोर्ट में केस चल रहा है। वहां उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया गया है और मेहुल चौकसी एंटीगुआ में रह रहा है, उस पर भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने को लेकर केस चल रहा है, जिसके तहत चौकसी द्वारा कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया है।
क्या था याचिका में :
चोकसी द्वारा दायर की गई याचिका के अनुसार, मेहुल चौकसी चाहता था कि, PMLA कोर्ट ED को निर्देश दे कि, उससे PNB घोटाले के मामले पर पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) एंटीगुआ जाये। क्योंकि उसके अनुसार वो मेडिकली फिट नहीं है। इसके अलावा उसने यह अपील भी थी कि, जब तक वो भारत आने के लिए मेडिकली फिट न हो जाए तब तक उसे आने के लिए फ़ोर्स न किया जाये और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा ही उसकी पेशी को मान्य कारार दिया जाये। उसने इसके लिए कोर्ट से इजाजत मांगी थी।
इलाज के लिए गया है विदेश :
मेहुल चोकसी का कहना है कि, उसका स्वास्थ ख़राब है व मेडिकली फिट नहीं है और इसलिए वो अपना इलाज कराने विदेश गया है न की भारतीय कानून से बचने के लिए। उसका कहना है कि, उसे डॉक्टर ने यात्रा करने के लिए मना किया है क्योंकि, वो अभी यात्रा करने के लिए फिट नहीं है। कोर्ट में उसको भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने को लेकर केस चल रहा है, जिसके लिए ED द्वारा अपील की गई थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें, PNB कोई छोटा-मोटा घोटाला नहीं है। यह भारत के बड़े घोटलों की लिस्ट में शामिल है। इस घोटाले की रकम 13700 करोड़ रुपए है।
क्या है भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून ?
जानकारी के लिए बता दें, भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत यदि किसी भी व्यक्ति ने कोई वित्तीय घोटाला किया हो और उसकी रकम चुकाने से मना कर दिया हो तो, उस पर कोर्ट द्वारा कार्यवाही की जाती है और साथ ही उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया जाता है। यह कानून आर्थिक अपराध पर ही लागू होता है। इस कानून के अनुसार, यदी किसी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो तो, उन पर कार्रवाई की जाती है। साथ ही सरकार अपराधी की संपत्ति बेच कर अपना कर्ज वसूल सकती है।
कैसे करते हैं भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित :
वित्तीय घोटाला करने वाले किसी भी अपराधी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए संबंधित एजेंसी जैसे ED द्वारा कोर्ट में विशेष याचिका दायर करनी पड़ती है। इतना ही नहीं पर्याप्त सबूत भी इकठ्ठे कर आरोपी का गुनहा साबित करना पड़ता है साथ ही आरोपी से जुड़े पते-ठिकानों और सभी संपत्तियों (जब्त किए जाने योग्य बेनामी और विदेशी सम्पति) की जानकारी भी कोर्ट को देना होती है। एजेंसी द्वारा याचिका दायर करने और गुनहा साबित करने के बाद स्पेशल कोर्ट आरोपी को 6 हफ्ते के अंदर पेश होने के लिए नोटिस जारी करती है और यदि आरोपी आकर सरेंडर न करे तो, उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया जाता है।
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