Modi government may announce another relief package soon
Modi government may announce another relief package soon Social Media
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जल्द ही एक और राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है मोदी सरकार

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। कोरोना के बचाव के लिए हुए लॉकडाउन के बाद से लगभग सभी सेक्टरों की हालत खस्ता है। हालांकि, इसी दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने MSME सहित कई सेक्टरों के लिए राहत पैकेज के ऐलान किए। वहीं, अब जल्द ही सरकार चौपट हुए उद्योग-धंधों में एक बार फिर से जान डालने और युवाओं के रोजगार उपलब्ध करने के मकसद से एक और राहत पैकेज देने का ऐलान कर सकती है।

नए पैकेज की पेशकश :

दरअसल, सरकार जल्द एक अन्य राहत पैकेज लाने का विचार कर रही है, इस बारे में जानकारी रविवार को वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने दी। हालांकि, सरकार इसे कब तक पेश करेगी इस बारे में कोई खबर सामने नहीं आई है। वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने इस बारे में जानकारी एक इंटरव्यू के दौरान मुहैया कराते हुए कहा है कि,

'सरकार एक दूसरे स्टिमुलस पैकेज को पेश करने की तैयारी में जुटी है। सरकार लगातार जमीनी स्तर तक स्थिति की निगरानी कर रही है। इसके साथ ही गड़बड़ी इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए और सेक्टर के हिसाब से मदद मुहैया कराने का प्लान कर रही है।

वित्त सचिव ने बताया :

वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने आगे की जानकारी देते हुए कहा कि, हम उद्योग निकायों, व्यापार संघों, विभिन्न मंत्रालयों से सुझाव समय-समय पर लेते रहते हैं। हम इस पैकेज के आने का कोई तय टाइमफ्रेम नहीं बता सकते, लेकिन हां सरकार इस पर काम कर रही है और आगे की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श हो रहा है।

अर्थव्यवस्था पर की बात :

भारत में अर्थव्यवस्था के हालातों पर नजर डालने की बात करते हुए वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि, 'अर्थव्यवस्था अब पटरी पर आती नजर आरही हैं। सरकार लगातार प्रयासों में लगी हुई हैं, जिससे अर्थव्यवस्था का विकास हो। साथ इस इस साल GST संग्रह में भी बढ़ोतरी दर्ज होने की भी उम्मीद हैं। हालांकि, इस साल अप्रैल-अक्टूबर तिमाही में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 22% घटकर 4.95 लाख करोड़ रुपये रह गया है।

अक्टूबर का GST संग्रह :

उन्होंने बताया कि, देश में अक्टूबर का GST संग्रह कुल 105,155 करोड़ रुपये रहा। जबकि, पिछले साल की सामान अवधि के दौरान GST का यही संग्रह इस साल की तुलना में 10% कम था। यानि इस साल 10% की बढ़त दर्ज की गई है। वहीं, पिछले साल की तुलना में देश में बिजली की खपत, निर्यात और आयात में वृद्धि देखी है।

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