MSME Registration New Guidelines
MSME Registration New Guidelines Kavita Singh Rathore -RE
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सरकार ने MSME के रजिस्ट्रेशन लिए जारी की नई गाइडलाइंस

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में किए गए ऐलानों से देश के छोटे उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं, अब सरकार ने छोटे उद्योगों बढ़ावा देने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। जिसके अंतर्गत माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) मंत्रालय द्वारा MSME के क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन के लिए नई गाइडलाइंस का नोटिफिकेशन जारी किया है।

क्या है नई गाइडलाइंस :

नई गाइडलाइंस के नोटिफिकेशन के अनुसार, अब देशभर के MSME भी उद्यम ही कहलाएंगे। इतना ही नहीं इन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए अब MSME का रजिस्ट्रेशन भी ऑनलाइन कर दिया गया है। साथ ही इसके लिए अब MSME को किसी भी प्रकार के डॉउमेंट या कागजात की भी कोई आवश्कता नहीं होगी। वह सिर्फ स्वघोषणा (self declaration) के आधार पर भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और यह मान्य रहेगा। रजिस्ट्रेशन करते समय किसी भी डॉउमेंट को अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी। जारी की गई सभी नई गाइडलाइंस 1 जुलाई से लागू हो जाएंगी।

MSME मंत्री गडकरी ने बताया रजिस्ट्रेशन का नया सिस्टम :

बताते चलें शुक्रवार को नई गाइडलाइन MSME मंत्री नितिन गडकरी द्वारा लॉन्च की गई। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि, क्लासिफिकेशन, रजिस्ट्रेशन और फैसिलिटेशन के नए सिस्टम को काफी आसान बनाया गया है। यह एक कदम है, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में। उन्होंने आगे कहा कि, इस तरह के फैसले से समझ आता है कि, मंत्रालय संकट की घड़ी में चुनौतियों का सामना कर रही MSME के साथ मजबूती से खड़ा है।

MSME के क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन का यह नया नोटिफिकेशन पुराने सभी नोटिफिकेशन को रद्द कर देगा। अब एंटरप्रेन्योर्स, एंटरप्राइजेज और MSME को नए नोटिफिकेशन के अनुसार क्लासिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस अपनानी होगी। जो कि, बहुत आसान है। रजिस्ट्रेशन के समय जानकारी के नाम पर सिर्फ पैन नंबर या GSTIN माँगा जाएगा और उसी के जरिए ही वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। कोई भी एंटरप्राइजेज सिर्फ आधार नंबर के द्वारा भी खुद को रजिस्टर्ड करा सकता है। अन्य जानकारी स्वघोषणा के आधार पर दी जा सकती है।

क्लासिफिकेशन के नए मानदंड :

जानकारी के अनुसार, MSME मंत्रालय द्वारा निवेश और टर्नओवर के आधार पर MSME के क्लासिफिकेशन के लिए 1 जून से नए मानदंड जारी कर दिए हैं। इस बारे में अधिकारियों ने बताया है कि, "उद्यम रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस इनकम टैक्स और GST के सिस्टम के साथ इंटीग्रेटिड है।"

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